भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि जैसा कि मॉडलों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से जोर पकड़ने का अनुमान लगाया गया है, पश्चिमी तट में बारिश की तीव्रता 9 जुलाई से बढ़ने की संभावना है. पूर्वोत्तर भारत में बारिश की तीव्रता 9 जुलाई तक कम होने की संभावना है.
आईएमडी ने कहा, ‘‘अरब सागर के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के मजबूत होने के कारण, 9 जुलाई से पश्चिमी तट पर बारिश की गतिविधि में वृद्धि होने की संभावना है. कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, माहे में 9 जुलाई से भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.’’
विभाग ने कहा कि वहीं, 8 जुलाई से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से जोर पकड़ने के कारण, 9 जुलाई से पूर्वोत्तर भारत (अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा) में बारिश की तीव्रता और वितरण में कमी आने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाओं के 8 जुलाई से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में धीरे-धीरे आगे बढ़ने की संभावना है.
इसके 10 जुलाई तक पंजाब और उत्तरी हरियाणा को कवर करते हुए उत्तर-पश्चिम भारत में फैलने की संभावना है. तदनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आसपास आगे बढ़ने की संभावना है.
10 जुलाई से होगी भारी बारिश
उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पहुंचने के बाद, मानसून रुक गया और आगे नहीं बढ़ा. इसे अभी पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों को कवर करना बाकी है.मध्य भारत (मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़) में छिटपुट से भारी वर्षा के साथ ही 8 जुलाई को विदर्भ और छत्तीसगढ़ में छिटपुट से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड में 8 जुलाई से, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई से और पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर 10 जुलाई से भारी बारिश होने की संभावना है.