भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जताई अगले सप्ताह मानसून की वापसी की आशंका
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 18 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी हो सकती है. देशभर में मानसून के दौरान अब तक औसत से सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
नई दिल्लीः देशभर में मानसून इस साल काफी मेहरबान रहा है और चालू सीजन में अब तक औसत से सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. अब अगले सप्ताह मानसून की वापसी हो सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि आईएमडी ने अपने साप्ताहिक मौसम अपडेट में जिक्र किया है कि 18 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी हो सकती है.
प्रेसवार्ता के दौरान पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. एम. राजीवन ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रसार इस साल बेहतर रहने और खूब बारिश होने से पैदावार अच्छी होगी, जिससे किसानों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, इसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी होगा, लेकिन कितना फायदा होगा, इसका आकलन इस समय नहीं लगाया जा सकता है. देशभर में मानसून के दौरान अब तक औसत से सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
इस मौके पर आईएमडी प्रमुख ने कहा, "आईएमडी ने अपने साप्ताहिक मौसम अपटेड में जिक्र किया है कि 18 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी शुरू हो सकती है. लेकिन इस दौरान बंगाल की खाड़ी ,पश्चिम-मध्य भाग में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है.
पूरी तरह से मानसून की वापसी के संबंध में डॉ. महापात्र ने कहा, हम बहरहाल इसका अध्ययन कर रहे हैं कि कब पूरी तरह मानूसन की वापसी होगी. केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटीय इलाके में 17 सितंबर के करीब और उसके बाद औसत या औसत से अधिक बारिश की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि अगस्त के मुकाबले सितंबर में बारिश में कमी आई है और यह औसत से कम रही है, लेकिन मौसमी दशाएं अनुकूल होने से अगले कुछ दिनों में बारिश की वापसी होगी. आईएमडी के अनुसार, चालू मानसून सीजन में एक जून से लेकर अब तक देशभर में 807.7 मिलीमीटर बारिश हुई है जोकि औसत बारिश 751.5 मिलीमीटर से सात फीसदी अधिक है.
देश के दक्षिण प्रायद्वीय भाग में औसत से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, मध्यभारत में औसत से 17 फीसदी अधिक जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में औसत से 10 फीसदी कम बारिश हुई है. पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में इस मानसून सीजन में औसत के करीब बारिश हुई है.
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