2.5 साल की बच्ची को जर्मन अदालत ने कर दिया अलग, संसद भवन पहुंची भारतीय मां, जानें क्या है पूरा मामला
Monsoon Session 2023: भारत की बेटी अरिहा को स्वदेश वापस लाने के लिए अब तक 59 सांसद भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन को हर संभव कदम उठाने को लेकर पत्र लिख चुके हैं.
Parliament Monsoon Session 2023: संसद में मानसून सत्र चल रहा है और बुधवार (2 अगस्त) को इसी सत्र में मदद की आस में एक मां धरा शाह अपनी बच्ची से मिलवाए जाने की आखिरी उम्मीद लेकर संसद भवन पहुंची. यहां पर उन्होंने देश के तमाम नेताओं से अपनी बच्ची को वापस पाने के लिए मदद मांगने में उनकी आवाज बनने की अपील की.
दरअसल मां धरा शाह का कहना है कि उनकी 2.5 वर्षीय बेटी अरीहा को जर्मन अदालत ने उनसे छीन लिया है. उस बच्ची को वहां के प्रशासन ने माता-पिता होते हुए भी जबरन अनाथ आश्रम में रखा हुआ है. अपनी बेटी को वापस पाने के लिए वह जर्मन सरकार के साथ लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन उनको अभी तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है. इस सिलसिले में वह भारत सरकार की मदद चाहते हैं जिससे उनकी बेटी वापस उनके हाथों में आ सके.
महिला सांसदों का मिला पूरा समर्थन
बच्ची वापस पाने के लिए जब उनकी मां मदद की गुहार लेकर देश की संसद पहुंची तो सदन में मौजूद महिला सांसदों का भी कलेजा पसीज गया. पार्टी लाइन से अलग उठकर इन महिला सांसदों ने मां धरा शाह का बिना शर्त समर्थन किया और उनकी हर संभव सहायता करने की भी बात कही.
बच्ची को कस्टडी में क्यों लिया गया था?
बेटी अरीहा को लेकर जब शाह दंपति जर्मनी में रहते थे तो बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर एक दिन चोट लग गई. जब मां बाप ने वहां पर जांच कराई तो डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है, लेकिन मां-बाप ने ऐसी किसी भी घटना से इंकार कर दिया और उन पर ही बच्ची के साथ यौन शोषण करने के आरोप लगा दिए. हालांकि बाद में हुई जांच पर जर्मनी की सरकार ने मां-बाप पर यौन शोषण के आरोप तो हटा दिए लेकिन बच्ची की कस्टडी उनके माता-पिता को वापस नहीं दी.
59 सांसद लिख चुके हैं जर्मनी के राजदूत को चिट्ठी
जर्मनी सरकार को भारत की संसद के 59 सांसद ने भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन के माध्यम से बीते महीने जून में चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में सभी सांसदों ने एक मत से जर्मनी के राजदूत से कहा कि वह इन दंपतियों को इनकी बच्ची लौटाने के लिए हर संभव कदम उठाएं.
इन सभी सांसदों में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, हेमा मालिनी, मेनका गांधी, डीएके की कनिमोझी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, सपा के राम गोपाल यादव, राजद से मनोज झा, आप से संजय सिंह, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, बीएसपी के कुंवर दानिश अली, शिव सेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी, सीपीआई के बिनॉय विश्वम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं.