पेगासस जासूसी विवाद सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को दो बार के स्थगन के बाद अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण सूचना, प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ‘‘पेगासस विवाद’’ पर अपना बयान ढंग से नहीं दे सके. उन्हें इसे सदन के पटल पर रखना पड़ा.


दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा. इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य आसन के समीप आ गए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे. इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने कुछ कागज फाड़ डाले और उसके टुकड़ों को हवा में लहरा दिया. उस वक्त वैष्णव पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर सदन में बयान दे रहे थे.


तृणमूल सदस्यों ने संभवत: मंत्री के बयान की प्रति फाड़ कर उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए. केंद्रीय मंत्री वैष्णव हंगामे और शोरगुल के कारण अपना बयान पूरा नहीं पढ़ सके. लिहाजा उन्होंने इसे सदन के पटल पर रख दिया. उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया लेकिन जब उनकी एक ना सुनी गई तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.


सदन में पेश बयान के मुताबिक वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. उन्होंने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है. इससे पहले आज हंगामे के कारण ना तो शून्य काल हो सका और ना ही प्रश्न काल.


एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल के लिए सदस्य का नाम पुकारा लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. उपसभापति ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल सदस्यों के सवाल के लिए है...सवाल जवाब सदस्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है...आप सदन नहीं चलाना चाहते...आप अपने-अपने स्थान पर जाएं.’’


इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. सदन में हंगामा थमते न देख, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. सुबह, सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसी दौरान कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न परिसरों पर आयकर विभाग के छापों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया वहीं तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने कथित जासूसी से जुड़ा मुद्दा उठाने का प्रयास किया. लेकिन सभापति ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए आसन की अनुमति की जरूरत होती है.


इस बीच, अन्य सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सदस्य अपने स्थान से आगे भी आ गए. नायडू ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की. हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते कि सदन में लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाए. सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के महज दो मिनट के भीतर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.