Monsoon session of parliament 2020: संसद सत्र चलाने के लिए हो रहा है वर्चुअल विकल्प पर विचार
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सदन में सभी सांसदों के साथ मॉनसून सत्र चलाना मुश्किल है. हाइब्रिड या वर्चुअल संसद सत्र के विकल्प पर विचार किया जा रहा है.
नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के दौर में संसद सत्र शुरू करने को लेकर कई तरह के सवालों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. सबसे बड़ा सवाल संसद भवन में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए सभी सांसदों के साथ सत्र चलाना मुश्किल है. ऐसे में हाइब्रिड या वर्चुअल सत्र चलाने के ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है.
इस मुद्दे पर मंगलवार को राज्य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला के बीच बैठक हुई. बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों ने सत्र बुलाए जाने से जुड़े अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया. बैठक में संसद के सेंट्रल हॉल, लोकसभा का हाउस, राज्यसभा का हाउस और विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में संसद का सत्र करवाए जाने के विकल्प पर विचार हुआ. लेकिन ये हॉल इतने बड़े नहीं है कि इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी सांसद बैठ सके.
दोनों सदनों के अधिकारी हाइब्रिड या वर्चुअल सत्र चलाने का विकल्प तलाश रहे हैं. हाइब्रिड सत्र के तहत कुछ सांसदों को पार्लियामेंट आने की अनुमति होगी. बाकी सांसद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मॉनसून संसद सत्र में शामिल होंगे.
कितने सदस्य सदन में बैठ सकते हैं लोकसभा में 545 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 245 सदस्य हैं. दोनों सदनों के महासचिवों की ओर से जो आकलन किया गया है उसके मुताबिक अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए तो राज्यसभा के वर्तमान चेंबर में 60 सदस्य बैठ सकते हैं जबकि लोकसभा चेंबर और सेंट्रल हॉल में 100-100 सदस्य बैठ सकते हैं.
आकलन में यह बताया गया है कि अगर सभी सांसद एक ही समय संसद आते हैं तो अगर पब्लिक गैलरी में भी सांसदों को बिठाया जाए तब भी सभी सांसदों को एक साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिठाना मुश्किल होगा. एक अन्य विकल्प जिस पर विचार किया गया वह यह था कि केवल उन्हीं सांसदों को हाउस में बैठने की इजाजत दी जाए जिनका उस दिन संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए नाम आया हो. हालांकि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है.
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