नई दिल्ली: सोमवार से शुरू हो रहे संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की आशंका है. देश में कथित गौ रक्षकों से जुड़ी घटनाओं, अमरनाथ आतंकी हमला समेत जम्मू कश्मीर की स्थिति, डोकलाम में चीन के साथ जारी गतिरोध, दार्जिलिंग में अशांति समेत विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार को घेरने की मंशा साफ कर दी है. वहीं सरकार ने सभी मुद्दों पर चर्चा कराने की इच्छा जाहिर करने के साथ 16 नये विधेयक पेश करने की बात कही है.


संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘ संसद के मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विषय आयेंगे . हम नियमों के अनुरूप सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा को तैयार हैं. सदन चर्चा का मंच है. हमें पूरी उम्मीद है कि विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभायेगा.’’ उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जायेंगे और कई विधेयक चर्चा के बाद पारित होंगे जो देश के लिये महत्वपूर्ण हैं.


सरकार विपक्ष की ओर से उठाये गए सभी विषयों पर नियमों के अनुरूप चर्चा को तैयार है. बहरहाल, कश्मीर और चीन के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कह चुके हैं कि पार्टी सुरक्षा के मुद्दों खासकर कश्मीर, किसानों, गौरक्षकों के हमलों, चीन के साथ सीमा विवाद को मानसून सत्र में उठाएगी.


बहरहाल, लोकसभा और राज्यसभा में 16 नए विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें जम्मू एवं कश्मीर जीएसटी विधेयक और नागरिकता संशोधन विधेयक शामिल हैं.


इन विधेयकों में जीएसटी से जुड़े विधेयक प्रमुख है. जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू करने से संबंधित दो विधेयक के अलावा पंजाब नगर निगम कानून (चंडीगढ़ तक विस्तारित) संशोधन विधेयक-2017 भी पेश किया जाएगा, जिसमें चंडीगढ़ नगर निगम को मनोरंजन और खेल पर जीएसटी के तहत कर लगाने का अधिकार दिए जाने का प्रावधान है.