नई दिल्ली: आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. 10 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 46 विधेयकों पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के साथ बैठक में सदन को अच्छे से चलाने की अपील की है. वहीं विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने पर कोई फैसला नहीं किया है.


राज्यसभा में लंबित है तीन तलाक विधेयक


इस सत्र में तीन तलाक विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है. सरकार का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने पर भी है. सरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है.


कौन-कौन से विधेयक किए जा सकते हैं पास?


मानसून सत्र के दौरान आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसमें 12 साल से कम आयु की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, सार्वजनिक परिसर से अनधिकृत कब्जे को हटाने संबंधी संशोधन विधेयक 2017, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2017, जन प्रतिनिधि संशोधन विधेयक 2017, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट विधेयक, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक 2018, भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक 2018 को भी चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.


सत्र के दौरान चर्चा के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार(दूसरा संशोधन) विधेयक, महत्वपूर्ण बंदरगाह प्राधिकार विधेयक 2016, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2017, भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 2013 को भी एजेंडे में रखा गया है. भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 19 अगस्त 2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था. बाद में इसे प्रवर समिति को भेजा गया जिसने 12 अगस्त 2016 को राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की थी. यह विधेयक राज्यसभा में पास होने के बाद लोकसभा में पेश किया जा सकता है.



इसके साथ ही जीएसटी से संबंधित कुछ संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए संभावित एजेंडे की सूची में रखा गया है. सत्र के दौरान मानवाधिकार सुरक्षा संशोधन विधेयक, सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक तथा डीएनए प्रौद्योगिकी का उपयोग नियामक विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, मानव तस्करी रोकथाम, सुरक्षा एवं पुनर्वास विधेयक को विचार एवं पारित कराने के लिए पेश किया जा सकता है.


संसद में उठेगा आतंकवाद का मुद्दा


मानसून सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण विषय राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव से संबंधित भी है. साथ ही, वित्त वर्ष 2018-19 के अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक को चर्चा, मतदान और पारित होने के लिए पेश किया जा सकता है. सत्र के दौरान विपक्ष जम्मू कश्मीर की स्थिति, पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने और आतंकवाद जैसे मुद्दे उठा सकता है.


किसान, दलित उत्पीड़न, राम मंदिर, डालर के मुकाबले रूपये की दर में गिरावट, पेट्रो पदार्थों की कीमतों में वृद्धि जैसे मसलों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. एक महत्वपूर्ण विषय आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने का भी हो सकता है जिसके कारण पिछले सत्र में टीडीपी ने भारी हंगामा किया था.


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