Weather Update: गर्मियों में कम बारिश और जल संकट से जूझ रहे उत्तर-पश्चिम भारत को आखिरकार राहत मिलने वाली है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, उत्तरी पंजाब और उत्तरी हरियाणा में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं. आईएमडी ने बताया है क‍ि द‍िल्‍ली एनसीआर में मानसून असल में क‍िस तारीख को आएगा और कब राजधानी वालों को गर्मी और उमस से राहत म‍िलेगी.


दरअसल, परंपरागत तौर पर जम्मू-कश्मीर में 25 जून तक बारिश हो जाती है, जबकि राजधानी दिल्ली में जून के आखिरी दिन मानसून की पहली बारिश होती है. इसके साथ ही मानसून 8 जुलाई से पहले पूरे देश में छा जाता है. हालांकि, अब तक की प्रगति तय समय पर होती दिख रही है, जिससे सूखे से जूझ रहे इलाकों में उम्मीद और राहत की लहर दौड़ रही है.


पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदलेगा मौसम


आईएमडी के मुताबिक, अच्छी खबर यह है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही गरज के साथ बारिश, बिजली और तेज हवाएं चलेंगी. इसके अलावा 26 और 27 जून को जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और पश्चिमी राजस्थान में भी छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि, 28-30 जून से बारिश होने की उम्मीद है.


अगले 3 से 4 दिनों में उत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना



मौसम विभाग के मुताबिक 26-30 जून को उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश में, 29-30 जून और 1 जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और 1 जुलाई को पूर्वोत्तर राजस्थान में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है. जबकि, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में 28-30 जून और 1 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है.


IMD ने इन राज्यों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट



आईएमडी ने गुरुवार (27 जून) को पश्चिमी राजस्थान,  27-29 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, 28-30 जून तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश, 29-30 जून को हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और 29 जून से 1 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इस बीच भारी बारिश की संभावना के बावजूद, अगले दो दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान स्थिर रहने का अनुमान है, जिसके बाद 3-5 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की जाएगी.


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