नई दिल्ली: देश के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है. इधर दुनियाभर में मशहूर रेटिंग एजेंटी मूडीज ने 13 साल के बाद भारत की रेटिंग बढ़ाई है. मोदी सरकार की नीतियों पर हमलावर विपक्ष अब मूडीज पर भी सवाल उठाने लगा है.
मोदी के बताए 'अच्छे दिन' क्या मूडीज से आएंगे ?
पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी, विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार की नीतियों ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया. जानी मानी रेटिंग एजेंसी अमेरिका की मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज ने भारत की सोवरिन रेटिंग ‘बीएए3’ से सुधारकर ‘बीएए2’ कर दी है. साथ ही नजरिया सकारात्मक से स्थिर कर दिया गया है.
रेटिंग मे सुधार का मतलब ये हुआ कि विदेशी निवेशकों का भारत पर विश्वास और बढ़ेगा और वो यहां खुलकर निवेश कर सकेंगे. साथ ही नजरिया बदलने का मतलब ये हुआ कि फिलहाल इसमें गिरावट के आसार नहीं हैं और ये भी हो सकता है कि आगे इसमें सुधार ही हो. ध्यान रहे कि अभी तक तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग को सुरक्षित निवेश के लिहाज से बिल्कुल ही निचले पायदान पर रखा था. पूरी डिटेल खबर यहां पढ़ें
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज की ताजा रेटिंग पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली प्रतिक्रिया आई है. वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधार के लिए उठाए कदमों की वजह से ही ऐसी रेटिंग आती है. वित्त मंत्री ने कहा, ''हम इस अपग्रेड का स्वागत करते हैं. 13 वर्षों के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को मूडीज का अपग्रेड मिला है, इसमें भारत की रेटिंग को पॉजिटिव से स्थाई अपग्रेड किया गया है. ऐसा अपग्रेड सुधार के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों के बाद ही मिलता है. ये इस बात को भी मान्यता देता है कि पिछले कुछ वर्षों में सुधार के जो भी कदम उठाए गए हैं, उससे इस देश की अर्थव्यवस्था मजबूत, स्थिर और दृड़ बनी है. पूरी डिटेल खबर यहां पढ़ें
अब सवाल उठता है कि 13 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खुशखबरी दी है. तो क्या वाकई देश में अब अच्छे दिन आ गए हैं ? और अगर आए हैं तो क्या उनकी वजह क्या है ?
आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांता दास ने कहा कि सुधार के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं, जैसे कि नोटबंदी, जीएसटी, विदेश निवेश के नियमों में आसानी, दिवालिया कानून पर अमल, कारोबार करने में आसानी, आधार, डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर योजना मतलब सुधारों की गिनती अनगिनत है. लेकिन नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों को जैसे ही मूडीज ने भारत में विकास की संभावनाओं के लिए कारण बताया विरोधी मोदी के बाद अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी मूडीज पर भी सवाल उठाने लगे.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि चाहे मोदी हों या मूडीज, ये दोनों देश का मूड नहीं समझ सकते. अब सवाल यह है कि क्या भारतीयों के लिए अच्छे दिन का फैसला विदेश की एजेंसी से होगा ? मूडीज से मिली भारत में आर्थिक विकास की मुहर विपक्ष को क्यों नहीं पच रही ? क्या कांग्रेस को ये बात चुभ रही है कि मूडीज ने दोनों बार बीजेपी के शासन में भारत की रेटिंग बढ़ाई है ? मूडीज ने रेटिंग बढ़ा दी तो क्या देश में बेरोजगारी, भुखमरी और किसानों की आत्महत्या भी रुक जाएगी ? क्या अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के रेटिंग सुधारने से भारत में वाकई अच्छे दिन आ जाएंगे ? मूडीज ने बढ़ाई भारत की रेटिंग तो शेयर बाजार में भी आई जोरदार तेजी
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
DEPTH: आंकड़ों से तय होंगे अच्छे दिन: भूख, बेरोजगारी नापने की एजेंसी क्यों नहीं ?
एबीपी न्यूज
Updated at:
18 Nov 2017 04:16 PM (IST)
क्या अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के रेटिंग सुधारने से भारत में वाकई अच्छे दिन आ जाएंगे ? मोदी के बताए 'अच्छे दिन' क्या मूडीज से आएंगे ?
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