नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत का रेटिंग आउटलुक घटा दिया है. मूडीज ने अपने आउटलुक को 'स्टेबल' से घटाकर 'नेगेटिव' कर दिया है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का बेहद धीमी गति से बढ़ना और लगातार बढ़ता सरकार का कर्ज माना गया है.
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि भारत में चल रही मंदी लंबे समय तक रहने वाली है. मूडीज के अनुमान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान है. इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती है. मूडीज का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में पहले के मुकाबले कम गति से बढ़ेगी.
इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि मूडीज को लगता है कि आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी दर तेजी के साथ नहीं बढ़ेगी. यानी के आने वाले दिनों में जीडीपी में कोई खास बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी. गौरतलब है की हाल ही में आए जीडीपी के आंकड़ों ने बेहद निराश किया है. बीते 6 सालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार सबसे धीमी रही है. इसके चलते जीडीपी महज 5 फीसदी की दर से बढ़ी है. इसके अलावा मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बिजनेस निवेश और बढ़ोतरी की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं. इसीलिए आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी के साथ बढ़ने की उम्मीद कम है. इसके चलते ही मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को यह झटका दिया है जिसमें भारत की रेटिंग को घटाया गया है.
सरकार का जवाब-
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के भारत की रेटिंग घटाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा है की भारत दुनिया में सबसे तेजी के साथ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आईएमएफ ने अपने हालिया वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक में कहा है कि 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी. जबकि 2020 में अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं और साथ ही वित्तीय क्षेत्र के लिए भी तमाम कदम उठाए गए हैं. वैश्विक मंदी के चलते भारतीय सरकार ने बहुत से नीतिगत फैसले भी लिए हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आधार बेहद मजबूत हैं और साथ ही महंगाई दर नियंत्रण में है और बॉन्ड यील्ड कम है. इसीलिए छोटी और मध्यम अवधि में बढ़ोतरी की बेहतर और मजबूत उम्मीद है.