Mopa Internation Airport In Goa: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गोवा में मोपा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. डाबोलिम एयरपोर्ट के बाद राज्य का यह दूसरा एयरपोर्ट है. पीएमओ की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर 2016 में इस हवाई अड्डा परियोजना का शिलान्यास किया था और अब वे ही इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं. उत्तरी गोवा के मोपा में स्थित इस हवाई अड्डे पर 2,870 करोड़ रुपये की लागत आई है. चलिए आपको गोवा को फिर से परिभाषित करने वाले नए हवाई अड्डा के बनने की पूरी कहानी बताते हैं.
1990 के दशक में इस हवाई अड्डे की परिकल्पना की गई थी. इसके उथल-पुथल भरे इतिहास में ऐसे कई क्षण आए हैं, जब ऐसा लगा कि जीएमआर गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (GGIAL) द्वारा विकसित किया जा रहा यह हवाई अड्डा ठप पड़ जाएगा. फिर भी करीब दो दशक बाद, निजी तौर पर प्रबंधित और निर्मित, नया हवाई अड्डा इस छोटे से राज्य की धुरी को बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि छोटे से राज्य में दूसरे हवाई अड्डे की कोई जरूरत नहीं है.
गोवा के नागरिक उड्डयन निदेशक सुरेश शानभोगु और उनके जैसे अन्य लोगों के लिए जो 2014-15 से इस परियोजना से जुड़े हुए हैं, मोपा हवाई अड्डे का अंतिम उद्घाटन एक सपने के सच होने जैसा है. जीएमआर के बोर्ड में नामांकित निदेशक के रूप में काम करने वाले शानभोगु को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने नए स्थापित नागरिक उड्डयन निदेशालय में प्रभार सौंपा था.
सालों तक होता रहा मोपा हवाई अड्डे का विरोध
गोवा की ही तरह, मोपा हवाई अड्डे की यात्रा भी कई गड्ढों और मोड़ से भरी हुई है. लंबे समय तक राज्य में कई लोगों का मानना था कि एक दूसरा हवाई अड्डा अनावश्यक था. दिवंगत होटल व्यवसायी ललित सूरी के नेतृत्व में एक शक्तिशाली लॉबी ने भी इस परियोजना को खत्म करने के पीछे अपनी ताकत लगा दी थी, खासकर उस समय जब इसने डाबोलिम को बंद करने का प्रस्ताव रखा था.
GMR ने जीती थी बोली, देरी के कारण लागत में हुई वृद्धि
हालांकि, इतने विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने हवाई अड्डे के निर्माण का फैसला लिया. इसके बाद मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य के अधिकारियों ने परियोजना को आगे बढ़ाने का काम किया. जीएमआर ने 36.99% राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर बोली जीती और 2016 में रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. देरी के कारण लगभग 715 करोड़ की लागत में वृद्धि हुई, क्योंकि 1,900 करोड़ के प्रारंभिक लागत अनुमान को 2,615 करोड़ में संशोधित किया गया था.
जमीन को लेकर भी हुआ विवाद
मोपा एयरपोर्ट का विरोध करने वालों ने तर्क दिया कि 2100 एकड़ भूमि उस राज्य में आवंटित करना, जहां विकास के लिए भूमि शुरू करने के लिए दुर्लभ है, पूरी तरह से बेकार है. इसके अलावा, एक ऐसी संपत्ति पर 2,000 करोड़ खर्च करना बिल्कुल जरूरी नहीं है. वो इस तथ्य का हवाला देते हैं कि बेलगाम, हुबली और सिंधुदुर्ग जैसे आसपास के नए छोटे हवाई अड्डों के साथ, मोपा की जरूरत बिल्कुल नहीं थी.
'प्राइवेर प्लेयर्स आगे नहीं आएंगे'
इसके अलावा, हवाई अड्डे का विरोध करने वाले ये भी बताते हैं कि मोपा की वजह से सिर्फ कमर्शियल डेवलपमेंट होगा. सिर्फ यात्री यातायात के आधार पर कोई भी प्राइवेट प्लेयर इसमें पैर नहीं फंसाएगा. वहीं दूसरी ओर, डाबोलिम अपनी वर्तमान स्थिति में वास्तव में बड़े आकार के विमानों को संभालने के लिए सुसज्जित नहीं है. उदाहरण के लिए इसमें केवल दो चौड़ी बॉडी वाले पार्किंग-बे हैं. विदेशी एयरलाइंस की फ्लाइट्स भी यहां लैंड नहीं कर सकतीं.
फॉर्चुन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MOCA) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, "डाबोलिम में प्रतिबंधों ने अब तक गोवा को अपनी पूरी क्षमता का पता लगाने या उसका दोहन करने की अनुमति नहीं दी है." हालांकि, अधिकारियों का तर्क है कि सुबह और दोपहर में एक घंटा उड़ान नहीं होने के कारण घरेलू परिचालन भी बाधित रहता है. इसी के साथ, गोवा में भारत के भीतर बहुत कम सीधे मार्ग संपर्क हैं.
ट्रैफिक ग्रोथ को लेकर भी विवाद
इसके अलावा, मोपा का समर्थन करने वाले बताते हैं कि जो लोग यह तर्क देते हैं कि गोवा में 2035 तक यातायात केवल 9-10 मिलियन तक ही पहुंचेगा, तो उनको इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है. डाबोलिम में ट्रैफिक ग्रोथ 16-20% है और प्री-महामारी (2020) ट्रैफिक पहले से ही 8-9 मिलियन थी. एक बार जब दोनों हवाई अड्डे शुरू होंगे तो बाजार की मांग तय करेगी कि कौन कितना ट्रैफिक संभालता है, लेकिन कम से कम डाबोलिम में आने वाली बाधाओं को पूरे राज्य के लिए हटा दिया जाएगा.
हवाई अड्डे को मुख्य हाईवे से जोड़ा जाएगा
मोपा समय के साथ जो करेगा वह राज्य की धुरी को बदल रहा है. नए हवाई अड्डे को मुख्य राजमार्ग से जोड़ने के लिए, अशोका बिल्डकॉन ने साढ़े छह किलोमीटर की छह लेन की सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है, जो मुख्य धमनी राजमार्ग तक बहुत तेजी से पहुंच प्रदान करेगी और इसके दो साल में तैयार होने की उम्मीद है. हालांकि, अपनी सुस्त कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले राज्य में स्थानीय लोग समय-सीमा को लेकर अत्यधिक संशय में हैं. वे इस तथ्य का हवाला देते हैं कि डाबोलिम को राजधानी पंजिम से जोड़ने वाला राजमार्ग अभी तक पूरी तरह से चालू नहीं हुआ है. इसी के साथ सड़क पर प्रकाश व्यवस्था अपर्याप्त है.
बहरहाल, नए हवाई अड्डे की अंतिम कमीशनिंग और लॉन्च से उत्तरी गोवा में और उसके आसपास जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी होगी. कई डेवलपर्स अब नए एयरपोर्ट के आधे घंटे के भीतर बड़े पैमाने पर विला और गेटेड कॉम्प्लेक्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि मोपा से 12 किलोमीटर की दूरी पर लगभग 100 एकड़ एरिया में विकास कार्य हो रहे हैं.
हवाई अड्डे की क्षमता
गौरतलब है कि पहले चरण में हवाई अड्डे की सालाना क्षमता 44 लाख यात्रियों की है और परियोजना पूरी होने पर इसकी कुल क्षमता सालाना एक करोड़ यात्रियों की होगी. डाबोलिम हवाई अड्डे की क्षमता 85 लाख यात्री सालाना है, लेकिन 'कार्गो; (माल) परिवहन की सुविधा नहीं है जबकि नए हवाई अड्डे पर कार्गो की भी सुविधा है.