Morari Bapu Interview: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू के इंटरव्यू में पीएम मोदी का नाम कहीं नहीं, मौजूदा स्थिति पर दिया था बयान
Morari Bapu Interview: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की है. उन्होंने राजधर्म से लेकर सनातन धर्म पर खुलकर राय रखी.
![Morari Bapu Interview: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू के इंटरव्यू में पीएम मोदी का नाम कहीं नहीं, मौजूदा स्थिति पर दिया था बयान Morari Bapu Interview in special ram katha train modi government report card rajdharma sanatan Morari Bapu Interview: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू के इंटरव्यू में पीएम मोदी का नाम कहीं नहीं, मौजूदा स्थिति पर दिया था बयान](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/27/3570d7b7fa3eaa0a5d9c7bc2a9cea8011690439716055637_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Morari Bapu Interview: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू ने एबीपी न्यूज़ से राम मंदिर से लेकर राजधर्म और सनातन धर्म पर खास बात की. मोरारी बापू इस समय विशेष ट्रेन से रामकथा यात्रा पर निकले हैं. 18 दिनों की इस यात्रा के जरिए देश के 12 ज्योतिर्लिंगों पर रामकथा कहेंगे. उनके साथ इस खास ट्रेन में 1008 भक्त भी साथ चल रहे हैं.
इसी ट्रेन में उन्होंने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत की. इसी दौरान उनसे पूछा गया कि अभी जो स्थिति है, उसमें मौजूदा समाज को वो 100 में से कितना नंबर देंगे? इस पर मोरारी बापू ने कहा कि मैंने जो आकलन किया है वो 30 मार्क्स तो मैं दे ही सकता हूं. ये बड़ी बात है. पांच परात्मा दें तो पास हो जाएंगे. मोरारी बापू ने कहा, ''पहले मैं शिक्षक था. 100 में 35 पास मार्क्स होते थे. जिसको परीक्षा में 30 नंबर आते थे, उसे 5 नंबर बढ़ाकर पास कर देता था.''
मोरारी बापू ने इस दौरान किसी भी राजनीतिक दल या प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया. पीछे छपे इस इंटरव्यू में भूलवश नंबर देने की बात का उल्लेख कर दिया गया था जो की ग़लत है.
'राजधर्म में साधु की राय जरूरी'
राजधर्म के सवाल पर मोरारी बापू ने कहा, ''रामचरितमानस में राजधर्म बताया गया है. राजनीति और राजधर्म अलग है. राजनीति में साम, दाम, दंड, भेद आते हैं. राजधर्म में इनमें से कुछ नहीं आता है. राजधर्म वो है, जिसमें सबसे पहले साधु का मत लिया जाता है, फिर लोक का मत लिया जाता है. हम सनातन के मानने वाले हैं तो वेद का मत लिया जाए. रामायण और महाभारत से भी मत लें. ये चार चीज जिसमें मिलें, उसे राजधर्म कहते हैं.''
सनातन की छाया में हो संविधान
सनातन या संविधान को लेकर किए गए सवाल पर मोरारी बापू ने कहा, संविधान सनातन की छाया में होना चाहिए. उन्होंने कहा, भारत में सनातन पहले फिर संविधान होना चाहिए. राम नाम को लेकर हो रही राजनीति पर उन्होंने कहा, कुछ लोग राम को साधन बना लिए हैं. इसको कुछ समय के लिए साधन बनाकर अपना हित साधने के लिए इस्तेमाल न करें.
मथुरा-काशी के विवाद पर भी बोले
ज्ञानवापी के विवाद पर उन्होंने कहा, मामला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में हैं, वो फैसला करेगा. कोर्ट में जाने के बजाय आपसी सुलह से मामला सुलझाने पर मोरारी बापू ने कहा कि ये नहीं हो पा रहा है, 70 साल से नहीं हो पा रहा है, इसलिए कोर्ट जाना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)