Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात सरकार ने मोरबी शहर में मच्छु नदी पर हवा में केबल पुल टूट जाने की घटना के बाद शुरू किए गए तलाशी अभियान को गुरुवार को बंद करने की घोषणा की. इस हादसे में अभी तक मरने वालों की संख्या 135 है. सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में सर्च ऑपरेशन बंद करने की जानकारी दी.
समीक्षा के बाद लिया गया फैसला
राज्य आपदा आयुक्त हर्षद पटेल ने गुरुवार को मोरबी का दौरा किया और चल रहे तलाशी अभियान को समाप्त करने की घोषणा की. रविवार को हादसे के तुरंत बाद इस अभियान शुरू किया गया था. हर्षद पटेल ने खोज और बचाव अभियान में शामिल विभिन्न एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की और स्थिति की समीक्षा के बाद अभियान को समाप्त करने की घोषणा की.
हालांकि एहतियात के तौर पर स्थानीय दमकल विभाग, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक-एक टीम अगले आदेश तक हादसा स्थल पर तैनात रहेगी.
पिछले रविवार को हुआ था हादसा
बता दें, गुजरात के मोरबी शहर में पिछले रविवार को मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल में बना केबल का पुल अचानक टूटने से सैकड़ों लोग नदी में बह गए थे. इसमें से अभी तक महिलाओं और बच्चों समेत कुल 135 व्यक्तियों की मौत होने की पुष्टि हुई है. अन्य की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा था, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल रही थी.
अब तक 9 लोग गिरफ्तार
हादसे के बाद पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां की थीं. इसमें पुल का मेंटिनेंट करने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप के दो प्रबंधकों समेत 4 लोग थे. इन्हें मंगलवार को अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इसके अलावा 5 और आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. इस मामले में अब तक जो 9 गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें दीपक पारेख (ओरेवा कंपनी के मैनेजर), दिनेशभाई महासुखराय दवे दिनेशभाई महासुखराय दवे, मनसुख बालजीभाई टोपिया (टिकट क्लर्क), मादेवभाई लाखाभाई सोलंकी (टिकट क्लर्क), कॉन्ट्रैक्टर प्रकाशभाई लालजीभाई परमार , कॉन्ट्रैक्टर देवांगभाई प्रकाशभाई परमार, सिक्योरिटी गार्ड अल्पेशभाई , दिलीपभाई और मुकेश भाई शामिल हैं.
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