Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे पर ओवैसी की मांग- सरकार न्याय करे, असली अपराधी को गिरफ्तार करे पुलिस
Morbi Bridge Collapse: मोरबी में केबल पुल गिरने से 134 लोगों की मौत पर असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि सरकार इस मामले में न्याय करे और असली अपराधी को गिरफ्तार किया जाए.
Asaduddin Owaisi On Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल पुल के टूटने से 134 लोगों की मौत पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा, 'हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले में न्याय किया जाए और साथ ही पुलिस को असली अपराधी को गिरफ्तार करना चाहिए.'
वहीं, औवैसी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा, "आशा है उन्होंने हैदराबाद शहर की मिश्रित संस्कृति देखी होगी, उन्होंने चारमीनार का 'चूड़ी' बाजार देखा होगा." दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर हैदराबाद में हैं और उन्होंने मंगलवार को चार मीनार के सामने तिरंगा फहराया था. करीब 32 साल पहले उनके पिता और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजीव गांधी ने भी उसी स्थान से ‘सद्भावना यात्रा’ की शुरुआत की थी.
समान नागरिक संहिता, मुद्दों से भटकाने की कोशिश
ओवैसी ने कहा कि असली मुद्दों को भटकाने के लिए भाजपा यूसीसी का मुद्दा उठा रही है. बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड कई राज्यों में लागू कर दिए गए हैं और गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी इसे यहां भी लागू करना चाहती है. समान नागरिक संहिता या समान आचार संहिता का अर्थ एक पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है. दूसरे शब्दों में, अलग-अलग पंथों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही 'समान नागरिक संहिता' का मूल भावना है.
CAA-NRC धर्म तटस्थ होना चाहिए
गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद केंद्र ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले और फिलहाल गुजरात के 2 जिलों में रह रहे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है. यह फैसला नागरिकता कानून, 1955 के तहत लागू किया जाएगा.
विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) के बजाय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता देना काफी अहम है. इस मुद्दे पर ओवैसी ने कहा कि यह मुद्दा धर्म-तटस्थ होना चाहिए और हमें सीएए को एनपीआर एनआरसी के साथ देखना चाहिए.
यह भी पढ़ें: