Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल टूटने के मामले में गिरफ्तार किए गए ओरेवा ग्रुप के दो मैनेजर समेत चार आरोपियों को एक स्थानीय कोर्ट ने चार दिन की पुलिस हिरासत पर भेज दिया है. सरकारी अभियोजक एच एस पांचाल ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम जे खान ने गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पुलिस ने रविवार को पुल के टूटने की घटना के सिलसिले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुल के टूटने की घटना में 135 लोगों की जान चली गई है. पुलिस के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या है मामला?
पांचाल ने कहा कि पुलिस ने ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों और हाल में पुल की कथित तौर पर मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदारों सहित चार मुख्य आरोपियों को हिरासत में लेने की मांग की थी. कोर्ट ने पुल के टिकट बुकिंग क्लर्क और सुरक्षा गार्ड सहित अन्य पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने इनकी रिमांड नहीं मांगी थी. घड़ी और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगर पालिका ने पुल की मरम्मत करने और इसका 15 साल तक संचालन करने का ठेका दिया था.
गुजरात सरकार ने क्या कहा?
गुजरात सरकार के मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को कहा कि मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है और अब तक 170 अन्य को बचा लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य एजेंसियों द्वारा मच्छु नदी में बचाव अभियान अभी जारी है. राजकोट रेंज के महानिरीक्षक (IG) अशोक कुमार यादव ने सोमवार(31 अक्टूबर) को कहा था कि रविवार शाम को मोरबी में पुल के टूटकर गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई.
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