(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Morbi Bridge Collapsed: मोरबी में 135 मौत का जिम्मेदार कौन? पुल की मरम्मत करने वाली फर्म के मालिक अभी तक लापता, ओरेवा के फार्महाउस पर भी लटका ताला
ओरेवा कंपनी ने इसी साल मार्च में पुल के रखरखाव के लिए 15 साल का अनुबंध हासिल किया था. त्रासदी से बचे लोगों और विपक्ष ने पुलिस प्राथमिकी को लेकर सवाल उठाए हैं.
Oreva Company Morbi Bridge: गुजरात के मोरबी में केबल पुल हादसे के सिलसिले में 9 लोगों गिरफ्तार किया गया है. इन नौ में से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को पुलिस हिरासत में जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. हालांकि खराब मरम्मत कार्य के लिए जिम्मेदारी कंपनी के मालिक अभी तक लापता हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक घड़ी निर्माता, ओरेवा कंपनी ने मार्च में पुल के रखरखाव के लिए 15 साल का अनुबंध हासिल किया था और सात महीने बाद समय से पहले ही मरम्मत के बाद इसे फिर से खोल दिया. मोरबी नगर निकाय ने कथित तौर पर बिना बोली प्रक्रिया के ओरेवा को रखरखाव का ठेका दे दिया था.
पुलिस FIR पर खड़े हुए गंभीर सवाल
त्रासदी से बचे लोगों और विपक्ष ने पुलिस प्राथमिकी को लेकर सवाल उठाए हैं. सभी का यही कहना है कि एफआईआर में ओरेवा के शीर्ष मालिकों या निकाय अधिकारियों का नाम नहीं है, जिन्होंने स्पष्ट अंतराल के बावजूद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. विपक्षी दलों और स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार पर बड़ी मछलियों को बख्शने और ओरेवा के सुरक्षा गार्डों, टिकट विक्रेताओं और निचले स्तर के कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया है.
ओरेवा का फार्महाउस बंद, मालिक लापता
स्थानीय लोगों ने एनडीटीवी को बताया कि ओरेवा के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि पुनर्निर्मित पुल कम से कम आठ से दस साल तक टिकेगा, को हादसे के बाद से नहीं देखा गया है. वहीं अहमदाबाद में ओरेवा कंपनी का फार्महाउस भी बंद है और वहां सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं है.
जयसुखभाई पटेल ने मोरबी नगर निगम और अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जो ओरेवा का हिस्सा है, जिसे घड़ी निर्माता के रूप में जाना जाता है. इस समझौते में पुल को जनता के लिए खोले जाने से पहले फिटनेस प्रमाण पत्र की किसी आवश्यकता का भी उल्लेख नहीं किया गया था. इस संबंध में अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को अदालत को बताया कि मोरबी के केबल पुल की मरम्मत का काम जिन ठेकेदारों ने किया, उनके पास इसको करने की योग्यता नहीं थी. इसके बावजूद इन ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल की मरम्मत का काम दिया गया था.
'पुल के तार नहीं बदले गए, सिर्फ फ्लोरिंग चेंज हुई'
फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSF) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि नई फ्लोरिंग के वजन के कारण पुल का मुख्य तार टूट गया. अभियोजक ने पत्रकारों को बताया, "फॉरेंसिक रिपोर्ट हालांकि सीलबंद लिफाफे में पेश की गई थी, लेकिन रिमांड अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह कहा गया कि मरम्मत के दौरान पुल के तार नहीं बदले गए थे और सिर्फ फ्लोरिंग बदली गई थी...फ्लोरिंग में चार परत एल्यूमिनियम की चादर लगाने के कारण पुल का वजन बढ़ गया और वजन के कारण तार टूट गया."
'यह एक गंभीर लापरवाही दिखाता है'
ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों और पुल की मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदारों को शनिवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. गिरफ्तार किए गए सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क सहित पांच अन्य लोग न्यायिक हिरासत में हैं. पुलिस ने कहा है कि एजेंसी 26 अक्टूबर को जनता के लिए पुल खोलने से पहले गुणवत्ता जांच करने में विफल रही, जिस दिन गुजराती नव वर्ष मनाया गया था. यह एक गंभीर लापरवाही दिखाता है. बता दें कि रविवार को हुए हादसे में 135 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं घायलों का इलाज जारी है.
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