(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Morbi Cable Bridge Collapse: मोरबी के दर्द ने दिलाई देश के इन बड़े पुल हादसों की याद... जब मझधार में डूब गईं जिंदगियां
Morbi Cable Bridge Collapse: मोरबी केबल पुल हादसे ने देशभर को गहरा सदमा दिया है. इस घटना ने बीते वर्षों में हुए पुल हादसों के जख्म ताजा कर दिए हैं. पिछले 21 वर्षों में यह 15वीं बड़ी पुल दुर्घटना है.
Bridges Collapsed in India: गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में सौ साल से भी ज्यादा पुराने केबल पुल के टूट जाने (Morbi Cable Bridge Collapse) से पूरा देश आहत है. खबर लिखे जाने तक इस हादसे में 134 लोगों ने जान गंवा दी. रविवार (30 अक्टूबर) की शाम करीब साढ़े छह बजे कथित तौर पर पुल पर ढाई सौ लोग जमा हो जाने से यह हादसा हुआ. इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे पुल पर मौजूद थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 143 साल पुराने ब्रिटिश कालीन पुल की मरम्मत के बाद गुजराती नववर्ष के मौके पर 26 अक्टूबर को इसे जनता के लिए खोला गया था जबकि नगरपालिका से इसके लिए फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिला था. यह भी आरोप है कि पुल की क्षमता 100 लोगों की थी लेकिन जरूरत से ज्यादा लोगों को टिकट बेच दिए गए. गुजरात के सूचना विभाग ने सोमवार (31 अक्टूबर) को बताया कि 177 लोगों को बचाया जा चुका है. 19 लोगों को मोरबी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
गुजरात सरकार ने हादसे को लेकर जांच का आदेश दिया है. पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी के खिलाफ गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. हादसे बाद सोमवार को भी मच्छू नदी में राहत-बचाव का काम जारी है. गुजरात पुलिस की मरीन टास्क फोर्स, तीनों सेनाओं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव अभियान चला रही हैं. नदी से शवों को खोजने का काम जारी है.
इस हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. वहीं, हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान किया गया है. मोरबी की इस हृदयविदारक घटना ने देश के कई बड़े पुल हादसों की दिला दी है.
मुंबई फुटओवर ब्रिज हादसा
14 मार्च 2019 को मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर को बदरुद्दीन तैयबजी लेन से जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज का एक हिस्सा टूटकर सड़क पर गिर गया था. इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 30 अन्य घायल हुए थे.
कोलकाता मजेरहाट पुल हादसा
4 सितंबर 2018 को कोलकाता में मजेरहाट पुल टूट गया था. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे या उन्हें चोटें आई थीं.
वाराणसी कैंट हादसा
15 मई 2018 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था. हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
एलफिंस्टन रोड रेलवे पुल पर भगदड़
29 सितंबर 2017 को मुंबई में एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के पुल पर अचानक भगदड़ मचने से 23 लोगों की मौत हो गई थी और 39 अन्य घायल हुए थे. घटना सुबह करीह साढ़े 10 बजे हुई थी जब चार ट्रेनें एक साथ स्टेशन पर पहुंची थीं. उस समय बारिश हो रही थी और पहले से ही कई लोग संकरे पुल पर मौजूद थे.
रायगढ़ पुल हादसा
2 अगस्त 2016 को महाराष्ट्र के रायगढ़ में सावित्री नदी पर एक सदी पुराने पुल का एक हिस्सा गिर गया था. पुल टूटने से दो बसें और कारें नदीं में जा गिरी थी. हादसे में 41 लोगों ने जान गंवा दी थी.
कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसा
31 मार्च 2016 को कोलकाता के गिरीश पार्क के पास निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर का 150 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया था. हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे. मलबे से 90 से ज्यादा लोगों को निकाला गया था.
सूरत केबल पुल हादसा
10 जून 2014 को गुजरात के सूरत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय केबल ब्रिज का 35 मीटर लंबा और 650 टन वजनी स्लैब 40 फुट की ऊंचाई से ढह गया था. 25 मई 2014 को थ्री-वे इंटरचेंज वाले इस फ्लाईओवर ब्रिज के तीव्र मोड़ वाले हिस्से पर कंक्रीट स्लैब का काम शुरू किया गया था. 15 दिन बाद श्रमिकों ने जब स्लैब से स्टेजिंग प्लेट (फॉर्मवर्क) हटाना शुरू किया तो वह हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया. हादसे में 16 श्रमिक स्लैब के नीचे दब गए थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई थी और 6 लोगों को गंभीर या मामूली चोटें आई थीं.
कोटा पुल हादसा
24 दिसंबर 2009 को राजस्थान के कोटा में चंबल नदी पर बन रहे पुल का एक हिस्सा टूटने से दर्दनाक हादसा हो गया था. पुल के निर्माणकार्य में लगे मजदूरों और इंजीनियरों समेत 48 लोगों ने हादसे में जान गंवा दी थी.
पंजागुट्टा फ्लाईओवर हादसा
9 सितंबर 2007 को हैदराबाद के पंजागुट्टा में एक फ्लाईओवर निर्माण कार्य के दौरान गिर गया था, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी.
भागलपुर फुटओवर ब्रिज हादसा
दिसंबर 2006 में बिहार के भागलपुर में करीब डेढ़ सौ साल पुराना एक फुटओवर ब्रिज उस समय ढह गया था जब उसके नीचे से ट्रेन गुजर रही थी. हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी.
वालिगोंडा हादसा
29 अक्टूबर 2005 को हैदराबाद के वालिगोंडा के पास डेल्टा फास्ट पैसेंजर ट्रेन उस छोटे पुल से गुजर रही थी, जिसे अचानक आई बाढ़ बहा ले गई थी. ट्रेन पुल के टूटे हिस्से पर पटरी से उतर गई थी. हादसे में कम से कम 114 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
वारंगल हादसा
2 जुलाई 2003 को गुंटूर से सिकंदराबाद जाने वाली गोलकुंडा एक्सप्रेस को वारंगल स्टेशन पर रुकना था लेकिन ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया. समस्या ठीक होने तक के लिए ट्रेन को लूप लाइन पर रखा गया लेकिन रफ्तार के कारण ट्रेन लूप लाइन से स्टेशन के ठीक बाद वाले पुल के नीचे सड़क पर जा गिरी. ट्रेन जिस जगह गिरी, वहां काफी भीड़ थी. कई कारें, बाजार के स्टॉल और रिक्शे कुचल गए. हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
रफीगंज हादसा
10 सितंबर 2002 को बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर बने पुल से गुजरते हुए हावड़ा राजधानी ट्रेन पटरी से उतर गई थी. ट्रेन के 18 में से 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. उनमें से दो डिब्बे नदी में गिर गए थे. हादसे में 130 लोगों की जान चली गई थी और करीब डेढ़ सौ लोग घायल हुए थे. स्थानीय नक्सलियों की ओर से की गई तोड़फोड़ हादसे की वजह बताई गई थी.
कदलुंडी हादसा
22 जून 2001 को केरल की कदलुंडी नदी पर बने पुल से गुजरते हुए मंगलौर-चेन्नई मेल पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी और उसके तीन डिब्बे नदी में जा गिरे थे. हादसे की जांच में पता चला था कि भारी बारिश के चलते 140 साल पुराने पुल का एक स्तंभ टूटकर नदी में समा गया था, जिस वजह से यह हादसा हुआ. हालांकि, जांच के इस नतीजे को चुनौती दी गई थी. हादसे में 59 लोग मृत या लापता बताए गए थे. वहीं 300 लोग घायल हुए थे.
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