नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विदेशों से भारतीयों को लाने के लिये ‘वंदे भारत’ अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के तहत अब तक 1.1 मिलियन यानी लगभग 11.23 लाख भारतीय स्वदेश लौट आए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी दी. उनका कहना है कि भारत हवाई यात्रा के लिए द्विपक्षीय व्यवस्था के लिए 18 और देशों के साथ बातचीत कर रहा है.


22 देशों से वापस आए फंसे हुए भारतीय


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार 'वंदे भारत मिशन' वर्तमान में अपने पांचवें चरण में है. ये पांचवां चरण एक अगस्त 2020 से शुरू हो गया था. वंदे भारत मिशन के तहत लगभग 500 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और 130 घरेलू फीडर उड़ानें संचालित की गई हैं. उड़ानों ने 22 देशों के फंसे हुए भारतीयों को वापस देश के 23 अलग हवाई अड्डों पर पहुंचाया है.


1.1 मिलियन भारतीयों की हुई वापसी


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को एक साप्ताहिक समाचार के हवाले से बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत 19 अगस्त तक कुल 1.1 मिलियन फंसे हुए भारतीयों को विभिन्न तरीकों से वापस लाया गया है. उन्होंने कहा कि "अगस्त के अंत तक लगभग 375 और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होने वाली हैं."


अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशों में फंसे भारतीयों की मांग के आकलन के आधार पर कुवैत, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, यूके और कनाडा से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए उड़ानें जोड़ी गई हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि "इसके अलावा, अन्य गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) देशों से उड़ानों की संख्या में और वृद्धि की गई है."


सड़क मार्ग से भी हुई वापसी


अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार भारत ने जीसीसी राज्यों सहित पश्चिम एशिया के देशों में सबसे अधिक प्रत्यावर्तन उड़ानों का संचालन किया है. संयुक्त अरब अमीरात से फंसे भारतीयों की सबसे बड़ी संख्या वापस आ गई है. नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों से भूमि सीमा चौकियों के माध्यम से कई हज़ार भारतीय भी लौट आए हैं.


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