नई दिल्लीः कोरोना वायरस चीन के बाद ईरान में पहुंच चुका है. कोरोना वायरस के फैलने की पुष्टि के बाद ईरान ने अपनी सभी हवाई सेवाएं बंद कर दी हैं. जिसके चलते लद्दाख और कश्मीर के 1500 से ज्यादा लोग वहां फंस गए हैं. इनमें तीर्थ यात्री और छात्र भी शामिल हैं. वहीं लद्दाख से लोकसभा सांसद जम्यांग नामग्याल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है. नामग्याल ने अपने पत्र के माध्यम से इन सभी नागरिकों को सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई है.


नामग्याल के अनुसार लद्दाख के 1200 से ज्यादा शिया तीर्थयात्री ईरान में तीर्थयात्रा पर गए हुए थे. यह सभी तीर्थ यात्री ईरान से 28 फरवरी को लौटने वाले थे. इस बीच कोरोना वायरस के फैलने के कारण बिना किसी पूर्व जानकारी के सभी यात्रियों के टिकट रद्द कर दिए गए. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के फंस जाने से लद्दाख के लोगों में चिंता बढ़ने लगी है. आशंका जताई जा रही है कि अगर इनको जल्दी नहीं निकला गया तो यह भी इस ख़तरनाक बीमारी का शिकार हो सकते हैं.


वहीं जम्मू कश्मीर से भी 250 से ज़्यादा छात्र ईरान में फंस गए हैं. यह छात्र ईरान के तेहरान, शिराज़, मशद, केर्मन और अन्य शहरों में मेडिकल और धार्मिक पढ़ाई करने के लिए गए हुए हैं. जो हवाई यातायात पर प्रतिबंध के चलते वहां से वापस आने में असमर्थ हैं. जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायक अल्ताफ़ बुख़ारी और शिया नेता इमरान रेज़ा अंसारी ने भी सरकार को जल्द से जल्द इन छात्रों को वापस लाने के प्रबंध करने की अपील की है.

ईरान में फंसे हुए छात्रों के परिवार वालों के अनुसार वह अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. ईरान में जिस तेज़ी से यह संक्रमण फैल रहा है उसके चलते यह छात्र खतरे में हैं. परिजनों के अनुसार ज़्यादातर छात्र मेडिकल की शिक्षा के लिए गए हुए हैं और अस्पताल में काम करने को मजबूर हैं.


ईरान में अभी तक कोरोना वायरस से 15 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही 100 के करीब लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. सरकार और ईरान स्थित दूतावास ने फंसे हुए लोगों के लिए एड्वाइजरी भी जारी कर दी है. वहीं भारत में लोग अपने परिजनों की वापसी चाहते हैं.