कोरोना जांच से बचने के लिए एयर पोर्ट से भागे 300 से अधिक यात्री, अब होगी उन पर कानूनी कार्रवाई
अनिवार्य कोविड-19 जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिलचर हवाईअड्डे पर 300 से अधिक यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
सिलचर : अनिवार्य कोविड-19 जांच से बचने के लिए बुधवार को असम के सिलचर हवाई अड्डा पर 300 से अधिक यात्रियों ने हंगामा किया और वहां से भाग गए. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी और कहा कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी. कछार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त सुमित सत्तवान ने बताया कि छह विमानों से देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 690 यात्री सिलचर हवाईअड्डे पर पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 जांच के लिए हवाई अड्डे पर तथा पास में स्थित तिकोल मॉडल अस्पताल में इन यात्रियों के नमूने लिए जाने थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच शुल्क के लिए 500 रुपये के भुगतान को लेकर लगभग 300 यात्रियों ने इन दोनों स्थानों पर हंगामा किया.’’
असम सरकार ने राज्य में हवाई मार्ग से पहुंचने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 जांच अनिवार्य कर दी है जिसके तहत रैपिड एंटीजन जांच नि:शुल्क की जाती है और फिर आरटी-पीसीआर जांच की जाती है जिसके लिए 500 रुपये का भुगतान करना होता है. रैपिड एंटीजन जांच में संक्रमणमुक्त पाए जाने वाले यात्रियों को भी आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होता है.
यह उल्लेख करते हुए कि यात्रियों ने नियमों का उल्लंघन किया, अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास उन लोगों का ब्योरा है और हम उनका पता लगाएंगे. हम भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोकसेवक द्वारा लागू आदेश की अवज्ञा करना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करेंगे.’’
अधिकारी ने बताया कि 690 यात्रियों में से 189 की जांच की गई जिनमें से छह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. कई यात्रियों को जांच से छ्रट दी गई क्योंकि उनका गंतव्य असम की जगह मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे पड़ोसी राज्यों का था.
असम सरकार ने बुधवार रात घोषणा की थी कि बाहर से आ रहे सभी यात्रियों को आवश्यक रूप से सात दिन के गृह-पृथक-वास में रहना होगा. राज्य में संक्रमण के अब तक 2,29,138 मामले सामने आ चुके हैं और 1,150 लोगों की मौत हुई है.
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