50 फीसदी सरकारी विभागों के पास नहीं है एक्स सर्विसमैन के वैकेंसी और भर्ती के रिकार्ड
Government Department And Ex- Servicemen: केंद्र सरकार के आधे से अधिक विभागों पास भर्ती किए गए पूर्व सैनिकों (ईएसएम) की जानकारी और उम्मीद के मुताबिक वैकेंसी न भरे जाने को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं है.
Government Department And Ex- Servicemen: सेना से रिटायर होने के बाद एक्स सर्विसमैन (Ex-Servicemen) केंद्र सरकार (Central Government Departments) के सरकारी विभागों में नौकरी पाने के अधिकारी होते हैं. इस हिसाब से इन सरकारी विभागों के पास एक्स सर्विसमैन की भर्ती और रिक्तियों के पूरी जानकारी और रिकॉर्ड होना चाहिए, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी से अधिक सरकारी विभागों के पास एक्स सर्विसमैन के भर्तियों और वैकेंसी का विवरण ही नहीं है. ये खुलासा दो जून को भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड (Ex-Servicemen Welfare) की बैठक में हुआ. बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में हुई ये बैठक 'केंद्रीय सिविल सेवा और पदों में ईएसएम के भागीदारी बढ़ाने के साधनों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी.
भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड बैठक से सरकारी विभाग नदारद
गौरतलब है कि बीते 2 जून को 'केंद्रीय सिविल सेवा और पदों में ईएसएम यानी एक्स सर्विसमैन की भागीदारी बढ़ाने के साधनों पर चर्चा करने के लिए बोर्ड सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में 77 केंद्रीय सरकारी विभागों में से 48 विभाग नदारद रहे. रिकॉर्ड के मुताबिक केंद्र सरकार के 62 फीसदी विभाग इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. सरकारी अभिलेखों की जांच से पता चलता है कि केंद्र सरकार के आधे से अधिक विभागों ने उनके द्वारा भर्ती किए गए पूर्व सैनिकों (ईएसएम) का विवरण, साथ ही इन रिक्तियों को भरने में कमी के कारणों का विवरण नहीं दिया गया है. यह बात चिंताजनक है कि ईएसएम की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए बुलाई गई इस शीर्ष स्तरीय बैठक से केंद्रीय सिविल सेवाओं और पदों (सीसीएस एंड पी), बैंकों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भी आधे से अधिक विभागों ने शिरकत ही नहीं की.
केंद्र सरकार के विभागों के लगभग 60 फीसदी अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए, लगभग इतनी ही संख्या ने पूर्व सैनिकों के लिए रिक्तियों और उनके द्वारा भर्ती किए गए ईएसएम की संख्या के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई. रिकॉर्ड बताते हैं कि 77 में से 45 विभागों ने 15 मई तक पूर्व सैनिकों की भर्ती की जानकारी साझा नहीं की थी. इनमें परमाणु ऊर्जा विभाग, उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास, कृषि और किसान कल्याण, कृषि अनुसंधान और शिक्षा, उपभोक्ता मामले, खाद्य विभाग, सार्वजनिक वितरण, कॉर्पोरेट मामले, संस्कृति, भूतपूर्व सैनिक कल्याण, पृथ्वी विज्ञान जैसे विभाग शामिल हैं.
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर चिंता
बैठक के दौरान, ईएसडब्ल्यू विभाग के सचिव ने कई मंत्रालयों और विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर चिंता जाहिर की. उन्होंने बताया कि अगली बैठक सीसीएस एंड पीएस (CCS&Ps.) के साथ होगी. इसमें वो विभाग होंगे जिन्होंने आज तक संपर्क अधिकारी नामित नहीं किए हैं, और ऐसे संपर्क अधिकारी जो किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए है फिर चाहे वर्चुएल तौर पर हो या फिजिकल. हालांकि अगली बैठक कब होगी इस बारे में कुछ नहीं बताया गया.
बैठक में कौन-कौन रहा
रक्षा मंत्रालय ( Defence Ministry) के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) के तहत पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) के आरक्षण निगरानी सेल (Reservation Monitoring Cell) की बुलाई गई बैठक में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नियुक्त संपर्क अधिकारियों ने भाग लेना था. बैठक का मुख्य उद्देश्य सीसीएस एंड पी, बैंकों, सीपीएसई और सीएपीएफ में ईएसएम की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन की निगरानी करना था. साउथ ब्लॉक में हुई इस बैठक में संयुक्त सचिव (ईएसडब्ल्यू) पुदी हरि प्रसाद,मेजर जनरल शरद कपूर, डी-जी (आर) कमोडोर अतुल दीवान, प्रधान निदेशक (डीजीआर) सहित विभिन्न मंत्रालयों और रक्षा मंत्रालय के संबद्ध कार्यालयों के संपर्क अधिकारी शामिल रहे थे. इसके अलावा वाणिज्य, कृषि अनुसंधान और शिक्षा, परमाणु ऊर्जा, रसायन और पेट्रोकेमिकल, नागरिक उड्डयन, कॉर्पोरेट मामले, रक्षा नागरिक, सार्वजनिक उद्यम, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कानून और न्याय, बंदरगाह शिपिंग, जलमार्ग, यूपीएससी जैसे विभाग भी मौजूद रहे.
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