नई दिल्ली: देश भर में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में संकाय सदस्यों के 5,606 से अधिक पद खाली है जबकि प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में ऐसी 2,806 पद खाली हैं. यह जानकारी मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से सामने आई है. वहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय अभियांत्रिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान में 1870 पद खाली है जबकि भारतीय प्रबंधन संस्थानों में 258 पद खाली है.


एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "रिक्तियां कम होने वाली हैं और इसे भरना एक निरंतर प्रक्रिया है. सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और छात्रों की बढ़ती संख्या के कारण अतिरिक्त आवश्यकताओं के चलते रिक्तियां होती रहती हैं."


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अधिकारी ने बताया कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए संकाय की कमी से निपटने के वास्ते संस्थान विभिन्न उपाय कर रहे हैं. इसमें अन्य बातों के साथ शोधार्थियों, अनुबंधित, फिर से नौकरी पाने वाले, सहायक और आमंत्रित सदस्यों की सहायता ली जाती है. संस्थान संकाय को आकर्षित करने के लिए साल भर का विज्ञापन भी प्रकाशित करती है.


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इन संस्थानों के अलावा, कई सारे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में 324 पद खाली है. प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर स्कूल में 96, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलूरू में 88, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआरएस) में 100 पद खाली हैं.