गौतमबुद्धनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नोएडा में आईसीएमआर की नई उच्च क्षमता वाली प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस वर्चुअल कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. नोएडा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (एनआईसीपीआर) में आरटी-पीसीआर लैब का उद्घाटन होगा. जिले में इस लैब के उद्घाटन के बाद प्रतिदिन 6 हजार से ज्यादा कोरोना जांच हो सेकेंगी.


उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी 27 जुलाई को लैब का उद्घाटन करने जा रहे हैं. तैयारी की जा रही है."


शनिवार को नोएडा में प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन करने आए प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने लैब की स्थापना के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस लैब से पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली एनसीआर के लोगों को फायदा होगा.


गौतमबुद्धनगर में आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त पांच लैबों में होती है कोरोना जांच 


फिलहाल जिले में आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त पांच लैबों में कोरोना जांच होती है. इनमें सेक्टर-62 स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी (एनआईबी), कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स), सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइए, सेक्टर-128 स्थित जेपी हॉस्पिटल व ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल और लाल पैथ लैब शामिल हैं. इसके अलावा जिले के अन्य निजी अस्पताल व पैथोलॉजी लैब में सैम्पल लेकर मान्यता प्राप्त लैब में जांच के लिए भेजा जाता था. इन लैबों में प्रतिदिन 2000 से अधिक सैम्पल जांच की क्षमता है.


कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में IIT मद्रास की बड़ी पहल
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में IIT मद्रास ने बड़ी पहल की है. उसने संक्रमण का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला बैंड बनाया है. दावा है कि इसको पहनकर बिल्कुल शरुआती स्तर पर संक्रमण की जानकारी हासिल की जा सकेगी. बैंड के अगले माह तक बाजार में आने की उम्मीद है.


IIT मद्रास में स्टार्ट अप ‘म्यूज वियरेबेल्स’ की शुरुआत पूर्व छात्रों के एक समूह ने NIT वारंगल के पूर्व छात्रों के साथ मिल कर की है. हाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ 2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को जांचने के लिए सेंसर लगाए गए हैं. उसकी मदद से संक्रमण के शुरुआती स्तर में ही पता लगाया जा सकता है. ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिए मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है. उपयोगकर्ता के शरीर से जुड़ी अन्य गतिविधियों की जानकारी फोन और सर्वर में इकट्ठा हो जाएगी. उपयोगकर्ता अगर किसी निरुद्ध क्षेत्र में जाता है तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिए उसे संदेश मिल जाएगा.



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