Indian Army: भारतीय सेना (Indian Army) ने बॉर्डर पर तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए 62,500 बुलेटप्रूफ जैकेट (Bulletproof Jackets) खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने मेक इन इंडिया के तहत इन जैकेट्स (Jackets) के लिए दो अलग-अलग टेंडर जारी किया है, जिनमें सामान्य प्रक्रिया के तहत 47,627 जैकेट और इमरजेंसी खरीद प्रक्रियाओं के तहत 15,000 जैकेटों के लिए है, जिसे अगले तीन से चार महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा. 


भारतीय सेना अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि 47,627 जैकेटों की खरीद कई चरणों में की जाएगी और इसके अगले 18-24 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. सेना की तरफ से लिस्टेड विशिष्टताओं में कहा गया है कि बुलेटप्रूफ जैकेट एक सैनिक को 7.62 मिमी आर्मर-पियर्सिंग राइफल गोला-बारूद के साथ-साथ 10 मीटर की दूरी से दागी गई स्टील कोर गोलियों से बचाने में सक्षम होगी.


आतंकी इस्तेमाल कर रहे असॉल्ट राइफलें


दरअसल, कश्मीर घाटी में कुछ घटनाओं में आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अमेरिकी कवच-भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों की बुलेटप्रूफ जैकेट को तोड़ने में सफल रहे. अमेरिकी सेना ने एपीबीएस (APBs) के साथ एम-16 (M-16) असॉल्ट राइफलें और एम-4 (M-4) कार्बाइंस को आतंक के खिलाफ युद्ध शुरू करने के 20 साल बाद अफगानिस्तान में छोड़ दिया था. अमेरिकी सेना के पीछे हटने के बाद अफगानिस्तान तालिबान के नियंत्रण में आ गया. साथ ही ये हथियार भी उनके हाथ लग गए. 


दो टेंडर के जारिए से खरीदे जा रहे बुलेटप्रूफ जैकेट


इन दो टेंडर के जारिए से खरीदे जा रहे बुलेटप्रूफ जैकेट (Bulletproof Jackets) स्तर 4 के होंगे, जिन्हें स्टील कोर बुलेट (lethal Steel Core Bullets) के खिलाफ प्रभावी माना जाता है और सबसे पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवादी (Terrorists) अभियानों में तैनात सैनिकों को दिया जाएगा. भारतीय सेना (Indian Army) ये सुनिश्चित करेगी कि जैकेट भारत में बनाई गई हैं और सामग्री किसी भी विरोधी से नहीं ली गई है.


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