नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 4 लाख 78 हज़ार 600 में से 67 प्रतिशत से अधिक कैदी हिंदू हैं, जबकि लगभग 18 प्रतिशत मुसलमान हैं. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले हफ्ते संसद में जेलों से संबंधित आंकड़े पेश किए, जो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के संकलन पर आधारित हैं. इन्हें 31 दिसंबर 2019 तक अद्यतन किया जा चुका है.
आंकड़ों के अनुसार जेलों में बंद कैदियों में 3 लाख 21 हज़ार 155 (67.10 प्रतिशत) हिंदू, 85 हज़ार 307 (17.82 प्रतिशत) मुसलमान, 18 हज़ार 1 (3.67 प्रतिशत) सिख, 13 हज़ार 782 (2.87 प्रतिशत) ईसाई और 3 हज़ार 557 (0.74 प्रतिशत) 'अन्य' थे.
आंकड़ों के मुताबिक लैंगिक आधार पर देखा जाए तो महिलाओं में 13 हज़ार 416 हिंदू, 3 हज़ार 162 मुसलमान, 721 सिख, 784 ईसाई और 261 'अन्य' थीं. राज्यों के और केन्द्र शासित प्रदेश के लिहाज से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 72 हज़ार 512 हिंदू और 27 हज़ार 459 मुसलमान कैदी जेलों में बंद थे.
पंजाब में सबसे अधिक 12 हज़ार 778 सिख , 1640 ईसाई और 915 'अन्य' जेलों में कैद हैं.
आंकड़ों के अनुसार श्रेणी के आधार पर देखा जाए तो देश की जेलों में बंद 4 लाख 78 हज़ार 600 कैदियों में से 3 लाख 15 हज़ार 409 (65.90 प्रतिशत) अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित हैं, जबकि 'अन्य' से आने वाले कैदियों की संख्या 1 लाख 26 हज़ार 393 है.
सबसे अधिक 1 लाख 62 हज़ार 800 (34.01 प्रतिशत) कैदी ओबीसी, 99 हज़ार 273 (20.74 प्रतिशत) एससी और 53 हज़ार 336 (11.14 प्रतिशत) एसटी श्रेणी से संबंध रखते हैं. राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच सबसे अधिक 1 लाख 1 हज़ार 297 कैदी (देशभर की जेलों में बंद कैदियों का 21.16 प्रतिशत) उत्तर प्रदेश में थे. मध्य प्रदेश में 44 हज़ार 603 और बिहार में 39 हज़ार 814 कैदी थे.
आंकड़ों के अनुसार ओबीसी, एससी और 'अन्य' श्रेणी के सबसे अधिक कैदी उत्तर प्रदेश में जबकि एसटी समुदाय के सबसे अधिक कैदी मध्य प्रदेश की जेलों में कैद थे. पश्चिम बंगाल ने 2018 और 2019 के जेलों से संबंधित आंकड़े नहीं दिये, जिसके चलते उसके 2017 के आंकड़े को शामिल किया गया है, जबकि महाराष्ट्र का श्रेणीवार आंकड़ा 'उपलब्ध नहीं' है.
आंकड़ों के अनुसार जेलों में बंद कुल कैदियों में 4 लाख 58 हज़ार 687 (95.83 प्रतिशत) पुरुष और 19 हज़ार 913 (4.16 प्रतिशत) महिलाएं थीं. इन 19 हज़ार 913 महिला कैदियों में से 6 हज़ार 360 (31.93 प्रतिशत) ओबीसी, 4 हज़ार 467 (22.43 प्रतिशत) एससी, 2 हज़ार 281 (11.45 प्रतिशत) एसटी और 5 हज़ार 236 (26.29 प्रतिशत) 'अन्य' श्रेणी से संबंध रखती थीं.
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