नयी दिल्ली: विदेशियों के लिये भारत बीमारी का इलाज कराने के लिये पसंदीदा जगब बनाती जा रही है. चिकित्सा क्षेत्र में भारत की ख्याति दुनिया में बढ़ती जा रही है. साल 2016 में 1,678 पाकिस्तानियों और 296 अमेरिकियों समेत 2 लाख से अधिक विदेशियों ने भारत आकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया.


गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में दुनियाभर के 54 देशों के 2,01,099 नागरिकों को मेडिकल वीजा जारी किये गये. भारत ने 2014 से अपनी वीजा नीति को उदार बनाया है. एक एक सर्वे में कहा गया है कि भारत के लीड मेडिकल स्पॉट के रूप में उभरने का बड़ा कारण विकसित देशों की तुलना में यहां काफी कम कीमत पर इलाज होने जैसी बातें है.


सर्वे में कहा गया है कि देश में बाहर से आकर मेडिकल लाभ लेने का बिजनेस  3 अरब डॉलर का होने का अनुमान है, जो 2020 तक बढ़कर 7-8 अरब डॉलर का हो सकता है. आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में सबसे ज्यादा मेडिकल वीजा बांग्लादेशी नागरिकों (99,799) को जारी किये गये. इसके बाद अफगानिस्तान (33,955), इराक (13,465), ओमान (12,227), उज्बेकिस्तान (4,420), नाइजीरिया (4,359) समेत बाकी के देश हैं.


इसी के साथ 1,678 पाकिस्तानियों, 296 अमेरिकियों, ब्रिटेन के 370, रूस के 96 और 75 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को भी मेडिकल वीजा जारी किया गया. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कई वीजा तो ई-वीजा प्रणाली के तहत जारी किये गये. इसमें भारत पहुंचने से पहले यात्री ऑनलाइन ट्रैवल डॉक्यूमेंट हासिल कर लेते हैं. यह योजना 27 नवंबर 2014 को शुरू की गई थी.