Monsoon Session: युवाओं के लिए अनिवार्य होगा सेना में जाना? सरकार ने संसद में दिया ये जवाब
Parliament Monsoon Session: रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों में युवाओं की अनिवार्य सेवा के लिए कोई योजना नहीं बनाई है.
![Monsoon Session: युवाओं के लिए अनिवार्य होगा सेना में जाना? सरकार ने संसद में दिया ये जवाब MoS Defence Ajay Bhatt said Government has not formulated any scheme for mandatory service for youth in Defence Forces ANN Monsoon Session: युवाओं के लिए अनिवार्य होगा सेना में जाना? सरकार ने संसद में दिया ये जवाब](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/22/9c5d8ad17c752b7b1dcf4badeeaeae8d1658492154_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
MoS On Armed Forces Service: संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) का आज पांचवा दिन था. सदन में आज रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) ने युवाओं के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा के सवालों पर जवाब दिया. उन्होंने सदन में अरुण कुमार सागर व अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों में युवाओं की अनिवार्य सेवा के लिए कोई योजना नहीं बनाई है. अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के कार्यान्वयन में सैनिक स्कूलों की कोई भूमिका नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों/निजी स्कूलों/राज्य सरकारों के साथ भागीदारी के रूप में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए अनुमोदन दिया है. ये योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य सहित सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है. बशर्तें कि आवेदक स्कूल पात्रता मापदंडों को पूरा करते हों और उसके साथ-साथ सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा गैर-सरकारी संगठनों/निजी/राज्य सरकार के स्कूलों के साथ करार ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. अन्य बातों के साथ-साथ देश के जनजातीय क्षेत्रों सहित सभी जिलों को शामिल करने के लिए सशस्त्र सेनाओं द्वारा भर्ती रैलियां आयोजित की जाती हैं.
बिरसा मुंडा रेजिमेंट को लेकर दिया ये जवाब
सरकार के भारतीय सेना में बिरसा मुंडा रेजिमेंट बनाने के प्रस्ताव लाने की चर्चाओं पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. आजादी के बाद, सरकार की नीति रही है कि किसी विशेष वर्ग/समुदाय/धर्म या क्षेत्र के लिए कोई नई रेजिमेंट नहीं बनाई जाए. सेना की भर्तियों में जाति/धर्म/समुदाय के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता. सेना की भर्तियां शुरू से ही बिना किसी भेदभाव होती रही हैं. इस विषय पर सरकार की नीति के अनुसार, सभी नागरिक अपने वर्ग, पंथ, क्षेत्र या धर्म के बावजूद भारतीय सेना में भर्ती के लिए पात्र हैं.
12 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र
अजय भट्ट ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सभी वर्गों को पर्याप्त रिक्तियां प्रदान की जा रही हैं. इसके अलावा, इस सवाल पर कि क्या सरकार जाट रेजिमेंट, राजपूताना रेजिमेंट आदि की तर्ज पर असम रेजिमेंट (Assam Regiment) के नाम से सेना में एक रेजिमेंट बनाने का प्रस्ताव रखती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, “असम रेजिमेंट आजादी के बाद से ही भारतीय सेना का हिस्सा है." बता दें कि, संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) 18 जुलाई को शुरू हुआ है और ये 12 अगस्त तक चलेगा.
ये भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)