Nisith Pramanik Convoy Attack: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (28 मार्च) को बंगाल में केंद्रीय राज्यमंत्री, गृह और खेल निसिथ प्रामाणिक के काफिले पर हुए हमले की सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए हैं. निसिथ प्रामाणिक के काफिले पर बीते फरवरी के महीने में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार (Cooch Behar) जिले के दिनहाटा इलाके में उस समय हमला किया गया था जब वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए स्थानीय बीजेपी कार्यालय जा रहे थे.
केंद्रीय मंत्री के काफिले पर पत्थर फेंके गए थे. इस हमले के दौरान केंद्रीय मंत्री की गाड़ी का शीशा टूट गया था. निसिथ प्रामाणिक ने हमले का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगाया था. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे. निसिथ प्रामाणिक कूचबिहार से सांसद हैं.
निसिथ प्रामाणिक ने लगाए थे ये आरोप
निसिथ प्रामाणिक ने कहा था कि अगर एक मंत्री सुरक्षित नहीं है, तो आप आम आदमी की दुर्दशा की कल्पना कर सकते हैं. यह घटना बंगाल में लोकतंत्र की स्थिति को दिखाती है. प्रामाणिक ने दावा किया था कि मेरे काफिले पर न केवल पथराव किया गया बल्कि गोलियां भी चलाई गईं, बम भी फेंके गए. पूरी घटना पुलिस के सामने हुई और वे मूक दर्शक बने रहे.
टीएमसी ने आरोपों को निराधार बताया
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि हमला तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने किया है. वहीं सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोप को निराधार करार दिया. काफिले पर हमले के तुरंत बाद बीजेपी और टीएमसी समर्थकों के बीच झड़पें भी हुई थीं. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी की थी. इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया था.
आदिवासी की मौत को लेकर था गुस्सा
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि अगर किसी केंद्रीय मंत्री की कार पर इस तरह से हमला किया जाता है, तो यह राज्य की निराशाजनक (कानून व्यवस्था) स्थिति को ही साबित करता है. स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया था कि प्रामाणिक के खिलाफ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से कथित तौर पर की गई गोलीबारी में एक आदिवासी की मौत को लेकर गुस्सा था. तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह प्रामाणिक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी.
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