Nityanand Rai in Lok Sabha on Naxal Violence: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2018 की तुलना में 2022 में वामपंथी उग्रवाद (LWE) या नक्सलवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 36 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने यह जानकारी मंगलवार (5 दिसंबर) को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में दी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लोकसभा कार्यवाही के दौरान गृह राज्य मंत्री राय ने एक सदस्य के सवाल के जवाब में कहा कि इन हिंसा की घटनाओं में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौत के आंकड़ों में 59 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई जबकि परिणामी मौतों की संख्या में 60 फीसदी की कमी आई है.
'हिंसक घटनाओं की संख्या में 76 प्रतिशत की कमी'
मंत्री राय ने कहा कि 2010 की तुलना में 2022 में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 76 प्रतिशत की कमी आई है. परिणामस्वरूप मौतों (सुरक्षा बलों और नागरिकों) की संख्या की बात करें तो 2010 में 1005 के उच्चतम स्तर से 90 प्रतिशत कमी दर्ज करते हुए 2022 में यह संख्या 98 रिकॉर्ड की गयी है.
'वामपंथी हिंसाग्रस्त जिलों के आंकड़ों में आई कमी'
राय ने कहा कि वामपंथी हिंसा (LWE violence) के भौगोलिक प्रसार भी शिकंजा कसा गया है. इसकी वजह से यह सीमित हो गया है और जिले में हिंसा की रिपोर्ट करने में भी कमी दर्ज की गई है. यह संख्या साल 2010 में 96 से घटकर 2022 में 45 रिकॉर्ड की गई.
'वामपंथी उग्रवाद की समस्या के समग्र समाधान को योजना की मंजूरी'
राय ने आगे कहा कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या के समग्र रूप से समाधान के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी. उन्होंने कहा कि इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकदारियों को सुनिश्चित करने वाली एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई.
छत्तीसगढ़ को 587.96 करोड़ की राशि मिली
सुरक्षा संबंधी व्यय एसआरई योजना (SRE Scheme) के तहत 2018-19 तक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 1648.23 करोड़ रुपये जारी किए गए. इसमें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लिए 587.96 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.
'वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के लिए फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन'
राज्य मंत्री राय ने आगे कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के लिए704 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (एफपीएस) मंजूर किए गए हैं जिनमें छत्तीसगढ़ के लिए 148 एफपीएस भी शामिल हैं. इनमें से 603 एफपीएस बनाए गए हैं जिनमें से छत्तीसगढ़ में 120 का निर्माण भी किया गया है. उन्होंने बताया कि 603 एफपीएस में से 537 एफपीएस का निर्माण मई 2014 के बाद किया गया है.
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