नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री मोदी उस बेबी मोशे से मुलाकात करेंगे जो 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के समय बाल बाल बच गया था. आतंकियों ने मोशे के माता-पिता की हत्या कर दी थी तब मोशे की भारतीय आया सांड्रा सैमुएल ने बड़ी मुश्किल से बेबी मोशे की जान बचाई थी. बेबी मोशे अब इजरायल में अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं.


मोशे को बचाने वाली आया सैंड्रा सैमुअल्स का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यहूदी देश की यात्रा के दौरान बच्चे के साथ उनसे मुलाकात करने का फैसला दिखाता है कि सरकार पीड़ितों की परवाह करती है. सैंड्रा को इस्राइल सरकार ने मानद नागरिकता दी थी ताकि वह देश में और मोशे के साथ रह सकें. मोशे के साथ उनका एक विशिष्ट जुड़ाव है. मोशे अब दस साल का हो गया है.



(File Photo: AFP)

मोशे उस वक्त सिर्फ दो साल का था जब मुंबई में शाबाद में दूतों के तौर पर काम रहे उसके माता-पिता रिवका और गैवरियल होल्त्जबर्ग नरीमन हाउस में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों के हमले में छह अन्य लोगों के साथ मारे गए थे. नरीमन हाउस को शाबाद हाउस के नाम से भी जाना जाता है.



(ये बेबी मोशे की लेटेस्ट तस्वीर है, अब वो 10 साल के हो चुके हैं)

सैंड्रा ने इस मुलाकात के बारे में खुशी जताते हुए कहा, 'मुझे यकीन नहीं हुआ जब मोशे के दादा रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग ने मुझे बताया कि हमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह एक बड़ा सम्मान है और सुखद आश्चर्य है. मैं काफी प्रभावित हूं. यह स्पष्ट संकेत है कि भारत सरकार 26/11 हमले के पीड़ितों की परवाह करती है. आया ने कहा, 'वह मेरे दो बेटों से भी ज्यादा मेरे लिए मायने रखता है. मोशे के कारण ही मैं इजराइल में हूं. मैं यरूशलम में काम करती हूं लेकिन सप्ताहांत में उसके साथ होती हूं. मैं सच में हमारे रिश्ते के बारे में बता नहीं सकती हूं.



(ये तस्वीर 2008 की है. आया सैमुअल के साथ बेबी मोशे File Photo: AP)

मोशे को अपनी छाती से लगाकर आतंकवादी हमले से बच निकलने वाली सैंड्रा की हृदय विदारक तस्वीर अब भी लोगों के जहन में है. उनके दो बेटे माटर्नि (34) और जैक्सन (26) मुंबई में रहते हैं।


यरूशलम में युवा लड़कों के लिए काम करने वाले संगठन में काम करने वाली सैंड्रा ने कहा, 'मैं इजराइल में रहने के पहले चार साल के दौरान एक बार भारत जाती थी. पिछले कुछ वर्षो में मैं हर साल भारत नहीं जा पाई. भारतीय आया को इस्राइल में लोगों और रोसेनबर्ग परिवार से काफी प्यार मिला है.' उन्होंने कहा कि रोसेनबर्ग परिवार अपने बच्चे की तरह उनकी देखभाल करते हैं.


उन्होंने कहा, 'मोशे मेरे लिए पूरी दुनिया है. मैं हर शनिवार की शाम को उससे मिलने जाती हूं और रविवार के दिन उसके साथ खेलती हूं और उसे आईस्क्रीम तथा पिज्जा के लिए बाहर ले जाती हूं. मैं पूरे सप्ताह उसे गले लगाने का इंतजार करती हूं.'