नई दिल्ली: देश में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने के मामले में मॉरीशस शीर्ष पर रहा है. वित्त वर्ष 2017-18 में देश को कुल 37.36 अरब डॉलर का एफडीआई मिला. इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 36.31 अरब डॉलर था.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में मॉरीशस के बाद दूसरा स्थान सिंगापुर का रहा है. 2017-18 में मॉरीशस से 13.41 अरब डॉलर और सिंगापुर से 9.27 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा क्रमश: 13.38 अरब डॉलर और 6.52 अरब डॉलर था.
हालांकि, नीदरलैंड से किए जाने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई. 2017-18 में यह 2.67 अरब डॉलर रहा जबकि 2016-17 में यह 3.23 अरब डॉलर था. मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 के आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई घटा है. यह 7.06 अरब डॉलर रहा जबकि 2016-17 में यह 11.97 अरब डॉलर था.
हालांकि संचार सेवाओं में एफडीआई इस दौरान बढ़ा है. इस क्षेत्र में 2017-18 में एफडीआई निवेश 8.8 अरब डॉलर रहा जो 2016-17 में 5.8 अरब डॉलर था. इसी तरह खुदरा एवं थोक कारोबार क्षेत्र में भी एफडीआई बढ़कर 4.47 अरब डॉलर हो गया जो 2016-17 में 2.77 अरब डॉलर था. समीक्षाधीन अवधि में वित्तीय सेवा क्षेत्र में एफडीआई निवेश बढ़कर 4.07 अरब डॉलर हो गया जो 2016-17 में 3.73 अरब डॉलर था.
इस बारे में एसोचैम का कहना है, ‘‘2017-18 में देश को मिले कुल 37.36 अरब डॉलर के एफडीआई का 50% से ज्यादा हिस्सा इन क्षेत्रों को मिला है. यह अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्रों में निवेश को लेकर दुनिया भर की रुचि को बताता है. इसमें ई-वाणिज्य, वित्तीय तकनीक इत्यादि शामिल हैं.’’