Theft of Idols In 10 Years: पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा एएसआई (ASI) के संरक्षित और मंदिरों से मूर्तियों की चोरी कर्नाटक में हुई है. पिछले 10 सालों (2013-2023) में कर्नाटक से 14 चोरियां हुई हैं. इनमें से केवल एक ही मूर्ति बरामद की जा सकी. लोकसभा में लिखित जवाब का में सोमवार (31 जुलाई) को इस बात का खुलासा हुआ. 


लोकसभा में एक सांसद की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि चोरियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाए गए. इसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नियमित पहरा और निगरानी स्टॉफ, राज्य पुलिस सशस्त्र गार्ड और केंद्रीय औद्यौगिक सुरक्षा बल को तैनात किया गया. 


चोरी रोकने के लिए क्या कदम उठाती है सरकार 


मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, "जब भी किसी मूर्ति के चोरी होने की सूचना मिलती है तो पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की जाती है और चोरी हुई मूर्ति को ढूंढने के लिए पुलिस टीम जुट जाती है. इसे रोकने के लिए लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी को लुक आउट नोटिस भी जारी किया जाता है."


27 मूर्तियों को किया जाना है बरामद 


अपने जवाब में मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि केंद्रीय संरक्षित स्मारकों, स्थलों, मंदिरों आदि से कुल 31 मूर्तियां चोरी हुई हैं. इनमें से 27 मूर्तियों को अभी बरामद किया जाना है. हालांकि, उनके अवैध रूप से विदेश ले जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.


विदेश में मूर्तियों के होने पर क्या करती है सरकार 


उन्होंने कहा, "सरकार भारत से विदेश ले जाए गए भारतीय मूल की मूर्तियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. जब कभी भारतीय मूल की किसी मूर्ति के विदेश में होने का पता चलता है तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण उनकी वापसी के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से विदेश में स्थित भारतीय दूतावासों/ मिशनों के साथ काम करता है. 


कितनी मूर्तियों को विदेश से वापस लाया गया 


किशन रेड्डी ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से साल 1976 से 2023 तक विदेश से 251 मूर्तियों को वापस लाया गया है. इनमें से 238 मूर्तियों को 2014 से 2023 के बीच वापस लाया गया है. 


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