कर्नाटक का बेंगलुरु नॉन रेजिडेंट इंडियंस (NRI) के पहली पंसद बन गया है. प्रॉपटेक यूनिकॉर्न नोब्रोकर के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में संपत्ति खरीदने के इच्छुक एनआरआई सबसे ज्यादा बेंगलुरु में प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं. यह सर्वे 12,000 एनआरआई पर किया गया था.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में भाग लेने वाले 12,000 एनआरआई में से 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे भारत में संपत्ति खरीदना चाहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि वे भारत के छह शहरों- दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में से किसमें खरीदारी करना चाहते हैं? तो इनमें से 29 प्रतिशत एनआरआई ने बेंगलुरु में संपत्ति खरीदने में रुचि दिखाई, जबकि 24 फीसदी ने कहा कि वे मुंबई में और 18 पर्सेंट ने हैदराबाद में संपत्ति खरीदने में रुचि रखते हैं.


इस संबंध में कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के चेयरपर्सन किशोर जैन ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में रहने वाले एनआरआई को बेंगलुरु की संपत्तियां निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि एनआरआई अपने देश में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं, और बेंगलुरु में उनको अपनी पसंद की लाइफ स्टाइल मिल जाता है. 


'बेंगलुरु को सुरक्षित ठिकाना मानते हैं NRI'
जैन ने कहा कि बुनियादी ढांचे की चुनौतियों के बावजूद शहर एनआरआई के बीच एक स्वीकार्य और सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है. ये पहलू उन्हें बेंगलुरु की संपत्तियों में निवेश करने का विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं.


57 फीसदी एनआरआई अपने लिए खरीदना चाहते हैं प्रॉपर्टी
नोब्रोकर के अनुसार 57 फीसदी एनआरआई संपत्ति खरीदारों ने कहा कि वे अपने खुद के लिए भी संपत्ति खरीदना चाह रहे थे, जबकि 43 प्रतिशत ने बताया कि वह भारत में अपने परिवार के लिए संपत्ति खरीदना चाहते हैं. 


UAE में रहने वाले NRI सबसे ज्यादा चाहते हैं भारत में प्रॉपर्टी खरीदना
नोब्रोकर के सह-संस्थापक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी सौरभ गर्ग ने कहा कि भारत में प्रॉपर्टी खरीदने की ख्वाहिश रखने वाले अधिकांश एनआरआई संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से हैं और उनमें से 37 प्रतिशत आईटी/टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल के रूप में काम करते हैं.


उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत के रियल एस्टेट में एनआरआई की रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. इसकी वजह किराये में वृद्धि, भारतीय रुपये का निरंतर गिरना , अनुकूल सरकारी नीतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों में रियल एस्टेट क्षेत्र में लचीलेपन जैसे फैक्टर शामिल हैं.  


गर्ग ने आगे कहा कि इस बात पर जोर देना जरूरी है कि पिछले कुछ समय से रियल एस्टेट आकर्षक रिटर्न हासिल करने के लिए सबसे अच्छे निवेश का सबसे अच्छा माध्यम बना हुआ है.


यह भी पढ़ें- NIA ने मलकीत सिंह के खिलाफ दायर की चार्जशीट, ड्रोन के जरिए सीमा पार से तस्करी करता था हथियार