नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है. वहीं कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने की तैयारी के तहत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अपने अधिकांश हज हाउसों क्वॉरंटीन सेंटर में बदलने का निर्णय लिया है. इन क्वॉरंटीन सेंटर में 21,000 से अधिक व्यक्तियों को रखा जा सकेगा. बैंगलोर और गाजियाबाद में कुछ हज हाउस पहले से ही लोगों को क्वॉरंटीन में रखने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं.
राज्य में 16 हज हाउस हैं और वे तीर्थयात्रियों को रहने के लिए सुविधाएं प्रदान करते हैं. बता दें कि हज के लिए पहले से ही 2.7 लाख आवेदकों में से 1.25 लाख आवेदन स्वीकार हो चुके हैं. हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ डॉक्टर एमए खान ने कहा कि मुंबई और हैदराबाद को छोड़कर, जहां हज हाउस में कर्मचारियों के लिए कार्यालय और निवास भी हैं उन्हें क्वॉरंटीन सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए, सरकार मई के आसपास 2020 हज पर अंतिम कॉल ले सकती है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को भी सऊदी अरब की प्रतिक्रिया का इंतजार है. हालांकि, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह स्पष्ट किया कि अगर भारत और सऊदी अरब दोनों इस साल के लिए हज को निलंबित करने का निर्णय लेते हैं, तो, हज के लिए पंजीकरण कराने वालों को उनका पैसा लौटा दिया जाएगा. जो भी नुकसान होगा वह भारतीय हज समिति वहन करेगी.
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