COVID-19: कोरोना के खौफ से मां-बेटी ने खुद को दो साल तक घर में रखा बंद, पुलिस को मिली सूचना तो जबरन कराया अस्पताल में भर्ती
Covid-19 fear: परिवार के मुखिया ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी काले जादू से डरती हैं, इसलिए उन्होंने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था. तबीयत खराब होने पर जबरन उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा.
Covid-19 fear: आंध्र प्रदेश के कोय्युरू गांव में कोरोना वायरस महामारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के डर से पिछले दो साल से एक दिन भी घर से बाहर नहीं निकलने वाली मां और उसकी बेटी को मंगलवार (20 दिसंबर) को जबरन आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार के रिश्तेदारों के मुताबिक परिवार का मुखिया उन्हें हर रोज खाना खिलाता था और पिछले एक हफ्ते से मां-बेटी खाना भी नहीं खा रही थीं. इस कारण परिवार के मुखिया को अधिकारियों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस की मदद से उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. महिला की बेटी ने अधिकारियों से सवाल किया, 'जब हम अपने घर में ही रहना चाहते हैं तो आपको क्या समस्या है?' अधिकारी दोनों मां-बेटी को बाहर आने और उनके साथ सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे.
परिवार के मुखिया सुरीबाबू ने मीडिया को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी काले जादू से डरती हैं और इसलिए उन्होंने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था. सुरीबाबू ने कहा, ‘‘मेरे बार-बार भरोसा देने के बावजूद वे पिछले दो साल से दिन के समय घर से बाहर नहीं निकलीं. हालांकि रात में शौच आदि के लिए बाहर जाती हैं.’’ जैसे ही उनकी पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा, सुरीबाबू ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया.
कुछ महीने पहले आंध्र में सामने आया था ऐसा मामला
कुछ महीने पहले आंध्र प्रदेश में एक पड़ोसी की COVID-19 से मौत हो गई थी, जिसके बाद एक परिवार के तीन लोगों ने अपने आप को 15 महीने के लिए खुद को एक छोटे से घर में बंद कर लिया था. रिश्तेदारों की तरफ से तबीयत खराब होने की सूचना के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने परिवार को किसी तरह बचाया था. उनकी दयनीय हालत देख कर पुलिस ने उन्हें तुरंत एक सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया.
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