मोतिहारी : भारत की पुलिस का जिक्र छिड़ते ही आम लोगों के जेहन में जो छवि बनती है उनमें जनता को सताने, मारने-पीटने वाली अत्याचारी के तौर पर होती है. कम से कम किसी पर्व त्यौहार पर बच्चों में पुलिस को टॉफियां बांटते देखना आंखों को आसानी से यकीन नहीं दिलाता, लेकिन आज ईद के मौके पर बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के एक गांव में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जो पुलिस की छवि से बिल्कुल उलट थी.


मोतिहारी से 30 किलोमीटर पूर्व फेनहरा क्षेत्र की ईदगाह में ईद की नमाज के बाद पुलिस बच्चों में टॉफियां बांट रही थी. ये टॉफियां फेनहारा थाना के प्रभारी सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार की तरफ से बांटी गईं.



फेनहरा क्षेत्र के ईदगाह की तस्वीर

आखिर पुलिस की तरफ से बच्चों में ये टॉफियां क्यों बांटी गईं? इस सवाल के जवाब में रोहित कुमार कहते हैं कि ऐसा करके उन्हें आत्मसंतुष्टी मिलती है. वो अपने इस सराहनीय कदम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहते हैं कि पिछली ईद से चंद दिन पहले वो इस थाने में नियुक्त हुए थे और जब ईद पड़ी तो ईदगाह गए जहां बड़ी तादाद में बच्चे उन्हें ईद मुबारक कहकर हाथ मिला रहे थे तब उनके पास इन बच्चों को देने के लिए कुछ भी नहीं था. रोहित कुमार का कहना है कि बच्चों में टॉफियां बांटना पिछली कमी को दूर करना और समाज में पुलिस की छवि को बेहतर बनाना है.


रोहित कुमार का ये शिकवा है कि ज्यादातर लोग सुनी-सुनाई बातों पर पुलिस की छवि गढ़ते हैं, जबकि सारे के सारे पुलिसवाले ग़लत नहीं होते. पुलिस को टॉफियां बांटते देखने वाले मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद सगीर, मोहम्मद राशिद का कहना है कि पुलिस ने ऐसा करके एक काबिले तारीफ काम किया है और फेनहरा में ऐसी मिसाल इससे पहले नहीं मिलती.



सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार

हालांकि, एक शख्स ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर पुलिस के टॉफी बांटने के काम की तारीफ तो लेकिन वो कहते हैं कि अगर पुलिस भ्रष्टाचार पर लगाम लगाती तो सोने पर सुहागा होता.