गुस्सा नहीं-नियमों का पालन करें: सड़क हादसों में बहुत आगे है भारत, हर रोज मरते हैं 400 से ज्यादा लोग
सड़क पर चलने वालों के लिए भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक देश है. 2017 में सड़क हादसों में 1 लाख 47 हजार 913 लोग मारे गए थे. यानी हर रोज 406 लोगों की मौत. हादसे रोकने के लिए ही सरकार ने कड़े जुर्माने का प्रावधान किया है.
नई दिल्ली: जनता की जान और देश का नुकसान बचाने के लिए नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया है. चालान की दरों में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है, जिसे लेकर कुछ लोग नाराज हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों से होने वाली मौत के मामले में भारत दुनिया के कई देशों के मुकाबले बहुत आगे है. साल 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर रोज करीब 405 लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है. यानी हर घंटे तकरीबन 16 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा देते हैं. इन सड़क हादसों से सिर्फ उसके परिवार का नुकसान नहीं होता बल्कि हादसों की वजह से हर साल देश की जीडीपी को 3 प्रतिशत का नुकसान होता है. ये नुकसान 4 लाख 15 हजार करोड़ रुपए के बराबर होता है.
अब कुल 63 नियमों में किए गए बदलाव
नया मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू होने के बाद कुल 63 नियमों में बदलाव हो गया है. इन नियमों के तहत ना सिर्फ जुर्माना कई गुना कर दिया गया है बल्कि सजा का प्रावधान भी जोड़ा गया है.
- सीट बेल्ट नहीं पहनने पर- पहले 300 रुपये अब 1000 रुपये.
- दोपहिया वाहन पर दो से ज्यादा सवारी होने पर- पहले 100 रुपये अब 1000 रुपये.
- हेलमेट नहीं पहनने पर- पहले 200 रुपये अब 1000 रुपये (3 महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड).
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर- पहले 500 रुपये अब 5000 रुपये.
- लाइसेंस रद्द होने के बावजूद ड्राइविंग करने पर- पहले 500 रुपये अब 10,000 रुपये.
- ओवर स्पीड- पहले 400 रुपये अब 2000 रुपये
- खतरनाक ड्राइविंग करने पर- पहले 1000 रुपये अब 5000 रुपये
- शराब पीकर वाहन चलाने पर- पहले 2000 रुपये अब 10,000 रुपये
- ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करने पर- पहले 1000 रुपये अब 5,000 रुपये
- बिना इंश्योरेन्स के गाड़ी चलाने पर- पहले 1,000 रुपये अब 2,000 रुपये
इसके अलावा कानून में दो प्रावधान और जोड़े गए हैं, ये पहले के कानून में नहीं थे. नाबालिग ने वाहन चलाया तो पहले कुछ नहीं था. लेकिन अब 25,000 रुपये है. इतना ही नहीं 3 साल की सजा भी है और रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. नाबालिग को 25 की उम्र तक लाइसेंस नहीं मिलेगा. इमरजेंसी वाहन को रास्ता नहीं देने पर पहले कुछ नहीं था. अब 10,000 रुपये है.
सड़क पर चलने वालों के लिए भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक देश है. 2017 में सड़क हादसों में 1 लाख 47 हजार 913 लोग मारे गए थे. यानी हर रोज 406 लोगों की मौत. हादसे रोकने के लिए नियम बने हैं और नियमों का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस को नियुक्त किया गया है. लेकिन ये मुमकिन नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस हर सड़क, हर रेड लाइट पर जांच करने के लिए मौजूद रहे. ऐसे में भारी चालान कटने का डर ही लोगों को नियम का पालन करने के लिए मजबूर कर सकता है.
कुछ राज्य इन नए कानून के विरोध में खड़े हो गए हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार का मानना है कि जुर्माने की रकम बहुत ज्यादा ह.. लेकिन सवाल यही है कि जिंदगी अहम है या जुर्माना और अगर कोई गलती नहीं करेगा तो उसे भला जुर्माना देना ही क्यों पड़ेगा?
विरोध करने वाले राज्यों में सड़क कितनी सुरक्षित?
मध्य प्रदेश का हाल
सड़क हादसों के मामले में मध्य प्रदेश दूसरा सबसे खतरनाक राज्य है. देश में होने वाले कुल सड़क हादसों का 11.5 प्रतिशत मध्य प्रदेश में ही घटते हैं. 2017 में मध्य प्रदेश में 53 हजार 399 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें से 10 हजार 177 लोगों की मौत हो गई यानी मध्य प्रदेश में हर रोज औसतन 28 लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. यहां हर घंटे 6 हादसे सामने आते हैं.
राजस्थान का हाल
2017 में राजस्थान में 22122 हादसे हुए. जिनमें से 10440 लोगों की मौत हो गई. राजस्थान में हर रोज 29 लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं.
पश्चिम बंगाल का हाल
2017 में पश्चिम बंगाल में 11 हजार 631 सड़क हादसे हुए, जिसकी वजह से 5769 लोगों ने दम तोड़ दिया. यहां हर रोज 16 लोग हादसों की वजह से जान गंवा बैठते हैं.
भारत में चालान की जिन दरों को लेकर हायतौबा मची है. उससे कई गुना ज्यादा जुर्माना बाहरी देशों में वसूला जाता है.नॉर्वे सरकार तो ट्रैफिक नियम तोड़ने पर आरोपी के औसत वेतन का 14% तक एक बार में जुर्माना ले लेती है.
नॉर्वे में ओवर स्पीडिंग पर भारतीय रुपयों के हिसाब से 52 हजार 278 रुपये भरने पड़ते हैं. यूके में 30 हजार 626 और US में 4 हजार 806 रुपये तक जुर्माना है. जबकि गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने पर कनाडा में 19 हजार 433, यूके में 18 हजार 126 और अमेरिका में 1373 रुपये जुर्माना वसूला जाता है. ग्रीस में अगर आप रेड लाइट तोड़ते हुए पकड़े गए तो जुर्माना 56 हजार 240 रुपये का है, ऑस्ट्रेलिया में 22 हजार 180 और अमेरिका में 2403 रुपये है.