नई दिल्ली: आईटीबीपी जवानों नरेंद्र सिंह और बिमान विश्वास ने दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची चोटी माउन्ट धौलागिरि पर चढ़ने का अपना सपना छोड़ दिया और आठ हजार मीटर से अधिक की बर्फीली उंचाई पर अपने बीमार दोस्तों को बचाने के दौरान उन्हें गंभीर रुप से पाला मार दिया.


चमत्कारिक तरीके से बच गए तीन सैनिक


50 घंटे से अधिक समय तक बिना खाना और आश्रय के शून्य से नीचे तापमान में होने के बावजूद कृष्ण प्रसाद गुरंग समेत तीन सैनिक चमत्कारिक तरीके से बच गए. उनका आधार शिविर अपने लापता साथियों की शिद्दत के साथ तलाश कर रहा था.


8167 मीटर ऊंची चोटी के आधार शिविर से एयरलिफ्ट


आईटीबीपी के कुल पांच जवानों को 10 मार्च को पर्वतारोहण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. उन्हें नेपाल में 8167 मीटर ऊंची चोटी के आधार शिविर से एयरलिफ्ट किया गया और 24 मई को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया.


सामान्य स्थिति में लाने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी


सिंह का अगले तीन महीने तक उपचार चलेगा ताकि हाथ और पैर में गंभीर रुप से पाला मारने का उपचार किया जा सके, वहीं बिश्वास, गुरंग और दो अन्य को सामान्य स्थिति में लाने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है.