गांधी जयंती से एक दिन पहले शहरों को कचरा मुक्त करने की दिशा में मोदी सरकार एक बड़े कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वच्छ भारत मिशन ( शहरी ) के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे. मिशन के दूसरे हिस्से में सबसे ज़्यादा ज़ोर देश के शहरों को पूरी तरह कचरा मुक्त करने पर दिया जाएगा.
ग़ाज़ीपुर के पास दिल्ली - यूपी बॉर्डर से गुज़रते हुए हम सबकी नज़र सहसा ही एक पहाड़ी पर जाती है. ये पहाड़ी प्राकृतिक नहीं , बल्कि सालों से वहां फेंके जाने वाले कचरे के ढ़ेर से खड़ा हुआ है. बड़े बड़े शहरों में ऐसे छोटे बड़े बदबूदार पहाड़ अक्सर दिख जाया करते हैं. लेकिन अब अगर मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण सफ़ल होता है तो ऐसे पहाड़ देखने को नहीं मिलेंगे.
स्वच्छ भारत मिशन ( शहरी ) के दूसरे चरण का सबसे प्रमुख हिस्सा शहरों के कचरे को रिसाइकिल ( पुनर्चक्रित ) करके उनका प्रबंधन करना है. कचरे के ढ़ेर शहरों में इसलिए तैयार होते हैं क्योंकि उन्हें ज़्यो का त्यों फेंक दिया जाता है. मिशन के दूसरे हिस्से में अगले पांच सालों में शहरों के 100 फ़ीसदी कचरे का ट्रीटमेंट कर उनके प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है ताकि घरों और अन्य जगहों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण हो सके.
फ़िलहाल क़रीब 70 फ़ीसदी कचरा का ही होता है ट्रीटमेंट
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ फ़िलहाल क़रीब 70 फ़ीसदी कचरा का ही ट्रीटमेंट हो पाता है. हालांकि 2014 में केवल 18 फ़ीसदी कचरे का ही ट्रीटमेंट कर निस्तारण हो पाता था. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण में प्रधान मंत्री मोदी ने परिवर्तन ( Transformation ) का सिद्धांत अपनाया तो दूसरे चरण में उन्होंने परिपूर्णता ( Saturation ) को अपना सिद्धान्त बनाया है. इसी सिद्धान्त के तहत अब शहरों को पूरी तरह कचरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
दूसरे चरण में आगरा , वाराणसी और अजमेर जैसे धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर अच्छे दर्जे के शौचालय निर्माण का लक्ष्य भी रखा गया है. साथ ही , प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की दिशा में भी पहल किए जाने की योजना है. प्रधानमंत्री आज Atal Mission for Rejuvenation & Urban Transformation ( AMRUT ) के दूसरे चरण की भी शुरुआत करेंगे. इसके तहत देश के क़रीब 4700 शहरों और शहरी कस्बों में घर घर नल से पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
पीने के पानी के आधार पर होगी शहरों की रेटिंग
शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज़ पर जल्द ही सभी शहरों में पीने के पानी का सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा. इस सर्वेक्षण में पीने के पानी की उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता के आधार पर शहरों की रेटिंग की जाएगी. सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आगरा , सूरत , कोच्चि , भुबनेश्वर , रोहतक और तुमकुर समेत 10 शहरों में पीने के पानी का सर्वेक्षण शुरू किया था लेकिन कोरोना और चुनावों के मद्देनज़र उसे बीच में ही रोक देना पड़ा था.
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