भोपाल: मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में पुलिस ने सिख युवकों की सरेआम पिटाई कर दी और उनके साथ अमानवीय कृत्य किया. इस मामले के सियासी तौर पर तूल पकड़ने पर सरकार ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही जांच के आदेश दिए हैं.
जानकारी के अनुसार, बड़वानी जिले के पलसूद में सिख युवक ताला-चाबी की दुकान लगाते हैं. वहां पहुंचे पुलिस जवानों का चालानी कार्रवाई को लेकर विवाद हुआ. इस पर पुलिस जवानों ने सिख युवकों की पिटाई कर दी. उनके साथ अमानवीयकृत्य करते हुए बाल पकड़कर घसीटा तक गया.
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने घटनाक्रम का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "मध्यप्रदेश के बड़वानी के पलसूद में प्रेम सिंह ग्रंथी जो वर्षो से पुलिस चौकी के पास एक छोटी सी दुकान लगाकर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं. उनको वहां की पुलिस ने अमानवीय तरीके से पीटा, उनकी पगड़ी उतार दी, बाल पकड़कर बुरी तरह से सड़क पर उनकी पिटाई की."
कमल नाथ ने आगे लिखा, "यह अत्याचार व गुंडागर्दी होकर सिख धर्म की पवित्र धार्मिक परंपराओं का अपमान भी है. ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं. मैं सरकार से मांग करता हूं कि दोषियों पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिले." कमल नाथ के अलावा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर सहित कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दो पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की बात कही है. उन्होंने कहा है, "बड़वानी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से मेरा हृदय द्रवित है! ऐसी बर्बरता और अराजकता मैं किसी भी हाल में सहन नहीं करूंगा. दोषियों को उनके कुकर्मो की सजा अवश्य मिलेगी."
उन्होंने आगे कहा कि बड़वानी में एएसआई सीताराम भटनागर और हेड कांस्टेबल मोहन जामरे को सिख बंधुओं के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के लिए तुरंत निलंबित किया गया है. सिखों के साथ ऐसी बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मामले की जांच इंदौर के आईजी द्वारा की जाएगी और इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.