मध्य प्रदेश चुनाव: 2018 में हारी सीटें... अब बीजेपी ने विधायकी के लिए मैदान में उतारे सांसद, जानें सातों का प्रोफाइल
साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिन पांच सीटों पर बीजेपी हार गई थी, उन पर इस बार पार्टी ने सांसदों को मैदान में उतारने का फैसला किया है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारने की घोषणा करके भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव खेला है. पार्टी ने सोमवार (25 सितंबर) को उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद सिंह पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, राव उदय प्रताव सिंह, रीति पाठक को मैदान में उतारकर बीजेपी ने मुकाबला कड़ा कर दिया है. हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों के मैदान में होने से अन्य पार्टियों की बेचैनी बढ़ने लगी है.
बीजेपी ने जिन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को मैदान में उतारा है उनकी मध्य प्रदेश में अच्छी पकड़ है. राज्य की विधानसभा एवं लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जो 30 साल या उससे भी ज्यादा समय बाद फिर से राज्य की राजनीति में वापसी करने जा रहे हैं. साल 2018 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी दिमनी, सतना, जबलपुर, निवास और गाडरवारा सीटों पर हार गई थी, जिन पर इस बार बीजेपी के सांसद चुनाव लड़ेंगे.
नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना जिले की दिमनी सीट दी गई है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की यूथ विंग से 80 के दशक में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 1980 से 1984 तक वह बीजेपी यूथ विंग की ग्वालियर यूनिट के प्रमुख रहे और 1983 में काउंसलर चुने गए. 1998 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और 2003 से 2007 तक एमपी की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद उन्हें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई और राज्यसभा सांसद रहे. 2009 में मुरैना सीट से पहली बार वह लोकसभा सदस्य चुने गए और 2014 में ग्वालियर सीट जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली. इस दौरान, उन्होंने खदान, इस्पात, लेबर, रोजगार और ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं पंचायती राज जैसे मंत्रालयों में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालीं. 2019 में उन्होंने फिर से मुरैना सीट से चुनाव लड़ा और 1.13 लाख वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की.
फग्गन सिंह कुलस्ते
केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को बीजेपी ने मध्य प्रदेश की निवास सीट से उतारा है. वह 33 साल बाद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. कुलस्ते 6 बार लोकसभा और 1 बार राज्यसभा सासंद बने. 1996 में पहली बार वह मंडला सीट जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद, 1998, 1999 और 2004 में लगातार आम चुनाव जीते, लेकिन 2009 का चुनाव हार गए. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह फिर उतरे और जीत हासिल की. साल 2012 में वह राज्यसभा सांसद चुने गए थे. उन्होंने 1999 और 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी राज्य मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी निभाई. 2019 के चुनाव में उन्होंने 97,674 वोटों से जीत हासिल की थी.
प्रह्लाद सिंह पटेल
बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर सीट से मैदान में उतारा है. वर्तमान में वह जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्हें लोकसभा चुनाव में अलग-अलग सीटों से मैदान में उतारा गया. दो बार सिवनी से चुनाव लड़ा एक बार जीत और एक बार हार का सामना करना पड़ा. बालाघाट और दमोह से भी जीत हासिल की, लेकिन छिंदवाड़ा सीट से हार गए थे. 1980 में जबलपुर यूनिवर्सिटी में छात्र संघ का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 1989 में पहली बार सिवनी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए. 1996 और 1999 में फिर मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2014 और 2019 में उन्होंने दमोह सीट से जीत हासिल की, लेकिन 2004 में वह छिंदवाड़ा सीट से हार गए. उस साल बीजेपी ने उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार कमलनाथ के खिलाफ उतारा था. अटल बिहारी वायजपेयी सरकार में उन्होंने कोयला राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. 2019 में वह 3,53,411 वोटों के मार्जिन से जीते थे.
रीति पाठक
रीति पाठक सीधी से सांसद हैं. 2010 से 2014 तक सीधी से जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के बाद 2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गईं. 2019 में फिर से मैदान में उतरीं और जीत हासिल की. 2019 में वह 2,86,524 वोटों के मार्जिन से जीती थीं.
गणेश सिंह
गणेश सिंह लगातार चार बार मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2004 में पहली बार उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 2,31,473 वोटों के मार्जिन से सतना सीट जीती थी.
राव उदय प्रताप सिंह
राव उदय प्रताप सिंह ने तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ा, एक बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे. 2009 में कांग्रेस की सीट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और 2013 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर 2014 में बीजेपी में शामिल हो गए. 2019 में उन्होंने 5,53,682 वोटों के मार्जिन से होशंगाबाद सीट जीती थी.
राकेश सिंह
राकेश सिंह 2004 से लगातार जबलपुर सीट से मध्य प्रदेश के लोकसभी सीट पर जीतते आ रहे हैं. 2019 के चुनाव में उन्होंने 4,54,744 वोटों के मार्जिन से लोकसभा चुनाव जीता था.
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