नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के एक महीने बाद कांग्रेस में इस्तीफों की होड़ लग गई है. सबसे ताजा और बड़ा नाम है राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का जिन्होंने कांग्रेस विदेश विभाग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के साथ ही मांग की है कि राहुल गांधी का अनुसरण करते हुए सभी वरिष्ठ नेता सीडब्ल्यूसी सदस्य, सभी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अपने पदों से इस्तीफा दें.
पार्टी के संगठन महासचिव को लिखी चिट्ठी में बाजवा ने कहा है कि इस्तीफों से राहुल गांधी को मजबूती मिलेगी ताकि वो अपनी सोच के मुताबिक बदलाव कर सकें. तीखे शब्दों में बाजवा ने ये भी कहा कि कांग्रेस के सामने आज अस्तित्व का संकट है. जो नेता इस्तीफा नहीं देता वो व्यक्तिगत हित को पार्टी के सामूहिक विकास से ज्यादा अहमियत देगा. बाजवा ने राहुल गांधी से दुबारा कमान संभालने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वो एक ऐसा संगठन बनाएं जो सामंती और निजी झगड़ों से मुक्त हो.
दूसरी तरफ शुक्रवार को सामूहिक इस्तीफा देने वाले करीब 50 युवा पदाधिकारियों ने आज मीडिया में खुल कर अपना पक्ष रखा. वहीं लगातार दूसरे दिन कई अन्य पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए. ये सभी नेता 2 जुलाई से कांग्रेस दफ्तर में धरने की तैयारी भी कर रहे हैं. इस्तीफा देने वाले नेताओं की अगुवाई कर रहे वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि सब लोग स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि हार की जिम्मेदारी सामूहिक है. प्रकाश जोशी ने कहा कि अब तक वरिष्ठ नेताओं ने जिम्मेदारी नहीं ली है जो कि गलत है.
बाजवा के अलावा शनिवार को इस्तीफा देने वालों में किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले, सचिव तरुण कुमार प्रमुख रहे. राहुल गांधी को भेजे इस्तीफे में इन नेताओं ने कहा है कि हार की जिम्मेदारी सामूहिक है. इस्तीफे में किसान कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने लिखा कि राहुल गांधी के सम्मान में उन्होंने इस्तीफा दिया है. यूपी से लेकर दमन दीव तक कांग्रेस पदाधिकारी इस्तीफे दे रहे हैं.
दरअसल इसके जरिए कांग्रेस नेता जहां एक तरफ राहुल गांधी पर अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं पार्टी में बड़े पदों पर बैठे बुजुर्ग नेताओं पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इस्तीफा देने वाले नेता 2 जुलाई से कांग्रेस दफ्तर में धरने पर बैठने की तैयारी कर रहे हैं.
वहीं इन इस्तीफों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस एक बड़ा परिवार है, भावना को व्यक्त करने का सबका अपना तरीका है. खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस में हर कोई यही चाहता है कि राहुल पार्टी अध्यक्ष बने रहें. इसको लेकर तमाम प्रदेश कांग्रेस कमिटियों ने प्रस्ताव पारित किया है. सीडब्ल्यूसी ने राहुल का इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें पार्टी में बदलाव के लिए अधिकृत किया था.