भोपाल: मध्यप्रदेश का सियासी घामासान जारी है. राज्यपाल लालजी टंडन ने आज कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने का निर्देश दिया है. हालांकि कमलनाथ इसके लिए तैयार नहीं हैं. अब इसी बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में लालजी टंडन से मिलने पहुंचे हैं. शिवराज सिंह चौहान के साथ राज्यपाल के घर बीजेपी नेता गोपाल भार्गव, भपेंद्र सिंह और वीडी शर्मा भी पहुंचे हैं.
बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने आज कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट करवाने का निर्देश दिया था जिसपर उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार के पास बहुमत है अगर विपक्ष चाहे तो अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा कमलनाथ सरकार से जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर बुधवार तक जवाब मांगा है. शिवराज विधानसभा में फौरन फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने विधानसभा के सचिव सहित राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी किया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए बुधवार पूर्वाह्न 10.30 बजे का समय निर्धारित किया.
पीठ ने मामले में राज्य सरकार, विधानसभा अध्यक्ष और अन्य पक्षों को नोटिस देने के लिए चौहान को स्वतंत्रता प्रदान की, जिसमें ई-मेल के माध्यम से ऐसा करना शामिल है.
चौहान और विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव सहित बीजेपी के नौ अन्य विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति द्वारा कोरोनोवायरसकी चिंताओं का हवाला देते हुए फ्लोर टेस्ट के बिना विधानसभा 26 मार्च तक स्थगित करने के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया था. बीजेपी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशों की अवहेलना की है.
राज्य के तीन बार के मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत के समक्ष कहा कि मामले में तत्काल फ्लोर टेस्ट कराए जाने की आवश्यकता है और सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से किसी प्रतिनिधि के मौजूद नहीं होने की ओर संकेत किया.
पीठ ने मामले पर ध्यान देते हुए कहा, "हमें एक नोटिस जारी करना होगा और इस मामल को कल सुबह सुनवाई के लिए रखना होगा." पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह की बातों पर भी ध्यान दिया, जो 16 बागी कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
सिंह ने अदालत के समक्ष कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और छह विधायकों के इस्तीफे पहले ही स्वीकार कर लिए गए हैं, और उन्होंने जोर देकर कहा कि शेष 16 विधायकों के इस्तीफे अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किए जाने चाहिए.
कमलनाथ ने कहा- बहुमत हमारे पास
मध्य प्रदेश के सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार की रात को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए विश्वास मत पेश करने की बात ही नहीं है. बीजेपी को अविश्वास है तो सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए.
बता दें कि राज्य में सोमवार को बड़ा सियासी घमासान हुआ. बीजेपी ने 106 विधायकों के साथ राजभवन में पहुंचकर राज्यपाल टंडन को शपथ पत्र सौंपे और विधायकों की परेड कराई. विधायकों को फिर मानेसर भेजने की येाजना बनाई मगर विधायकों को बाद में हवाई अड्डे से वापस लौटाया गया.पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की कमलनाथ सरकार को अल्पमत की सरकार करार दिया है। साथ ही फ्लोर टेस्ट करने की मांग की है.