भोपाल: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर ज़िला प्रशासन को एफ़आईआर कराने के आदेश दिये हैं. दोनों नेताओं पर कोविड के लिए तय नियमों के ख़िलाफ़ जाकर चुनावी सभा करने का आरोप है.
इसके साथ ही अदालत ने ‘फिजीकल’ चुनाव सभाओं पर रोक लगाते हुए केवल ‘वर्चुअल’ सभा करने के लिए कहा है और इसकी जिम्मेदारी संबंधित कलेक्टरों के साथ-साथ चुनाव आयोग को सौंपी गई है.
न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव की युगल पीठ ने आशीष प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी.
याचिकाकर्ता के वकील सुरेश अग्रवाल ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने नौ जिलों के कलेक्टरों को कई बार कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुरूप चुनाव सभाओं के लिए आदेश दिए, लेकिन हमेशा इसका पालन नहीं हुआ. इस वजह से अब उच्च न्यायालय ने सभी फिजीकल चुनाव सभाओं पर रोक लगाई है और केवल वर्चुअल सभाएं करने की अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रत्याशी को चुनाव सभा आयोजित करनी है तो उसे कलेक्टर के यहां आवेदन करके यह बताना होगा कि वर्चुअल सभा में क्या परेशानी है. इस आवेदन पर यदि कलेक्टर संतुष्ट होते हैं तो उसे चुनाव आयोग के पास यह आवेदन आगे भेजना होगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में तीन नवंबर को उप चुनाव होने जा रहे हैं और इसके लिए बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी लगातार रैलियां कर रही है. इन रैलियों में काफी भीड़ देखी जा रही है. रैलियों में चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन हो रहा है.