भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस पर सियासी संकट के चलते सीएम कमलनाथ रविवार के दिन भी कैबिनेट की बैठक आयोजित कर रहे हैं. इस बैठक में कोरोना के चलते विधानसभा सत्र को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. अगर कोरोना के बहाने बजट सत्र आगे बढ़ता है तो कांग्रेस को अपने रूठे और बागी विधयकों मनाने के लिए कुछ वक्त और मिल सकता है.


केंद्र सरकार ने जारी की है एडवाइजरी
एमपी में 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है. बजट सत्र के दौरान फ्लोर टेस्ट को लेकर दोनों ही दलों के बीच खींचतान मची हुई है. बीजेपी लगातार फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर रही है. मौजूदा हालातों ने अगर फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनती है तो इससे सरकार पर संकट आ सकता है. ऐसे में सरकार विधानसभा सत्र को आगे बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है. वहीं कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार से जारी हुई एडवाइजरी का हवाला देते हुए सरकार विधानसभा सत्र को स्थगित करने के प्रयास में है.


मास गेदरिंग से बचने के बहाने आगे बढ़ सकता है सत्र
एमपी सरकार के कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार किसी भी पब्लिक गैदरिंग के आयोजनों को रद्द किया जाए, ताकि संक्रमण का खतरा ना हो. विधानसभा में भी प्रदेशभर से कई लोग पहुंचते हैं, जिनमें संक्रमण का खतरा बना रहता है. इस खतरे से बचने के लिए सत्र आगे बढ़ाया जा सकता है.


कोरोना से नहीं सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही-बीजेपी
सरकार पर तंज कसते हुए बीजेपी ने कहा कि कोरोना वायरस से ज्यादा डर सरकार को अपनी संख्या बल को लेकर है, सरकसर बहुमत खो चुकी है इसलिए विधानसभा सत्र को आगे बढ़ाने की बात कर रही है. वहीं इस सियासी संकट के बीच सीएम कमलनाथ काफी कॉन्फिडेन्ट नज़र आ रहे हैं. सीएम कमलमाथ का कहना है कि सरकार अगले 10 सालों तक और चलेगी. उधर विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सत्र बढ़ाने के सवाल पर एबीपी न्यूज से कहा कि ये सारे कपोल कल्पित सवाल हैं जिनके जवाब नहीं दिए जा सकते हैं.


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