नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 137 तक पहुंच गई है. वहीं राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2660 पर पहुंच गई है. राज्य के 25 से ज्यादा जिले अब तक कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. अच्छी बात यह है कि प्रदेश में 482 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं. इस बीच आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित किया है. इस शिखर सम्मेलन में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के रोकथाम के उपायों और लॉकडाउन से संबंधित राज्य सरकार की तैयारियों पर सवालों के जवाब दिए हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''मध्य प्रदेश अच्छा रहे इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं. पहले एक लैब में टेस्ट होता था अब 14 लैब में टेस्ट हो रहा है. कई जिले कोरोना से लड़कर जीत चुके हैं. मैं थोड़ा लेट सीएम बना तब तक राज्य में कोरोना प्रवेश कर चुका था.'' उन्होंने कहा कि ''मैंने 23 मार्च की रात को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उसके पहले इंदौर में कोरोना का केस आ चुका था. लेकिन पुरानी सरकार कोरोना से लड़ने की बजाय इंदौर में ही आईफा को लेकर बैठकें करती रही.''
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''कोरोना से लड़ना है लेकिन डरना नहीं है. मध्य प्रदेश को कोरोना से बचाने का प्रयास कर रहे हैं. इंदौर, भोपाल में केस की संख्या में कमी आयी है. कई जिले कोरोना से मुक्त भी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि एमपी में कोरोना वारियर्स पर हमला करने वालों से सरकार ने सख़्ती से निपटा है. आगे भी कारवाई जारी रहेगी.''
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैंने सीएम बनते ही कोरोना से लड़ाई लड़ने का काम शुरू कर दिया था. इंदौर में स्थिति गंभीर थी, कुछ इलाकों में लोग अफवाह फैला रहे थे. स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे थे. लेकिन आज हालात सुधरे हैं. इंदौर-भोपाल में मिलाकर 500 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं.''
सरकार बनाने के बाद लगभग महीने भर तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं करने को लेकर पूछ गए सवाल के जवाब में शिवराज ने कहा, ''मंत्रिमंडल के लिए झगड़े का सवाल ही नहीं था. सभी की सहमति से निर्णय था कि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में हो. मध्य प्रदेश के जिन इलाकों में गड़बड़ी हुई वहां असमाजिक तत्वों के खिलाफ एनएसए लगाने का काम किया. हम सभी लोग मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.''
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