Loud speaker, power crisis controversy: लाउड स्पीकर विवाद पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि लाउडस्पीकर एक निजी मामला है. इसको पब्लिक मामला बनाना सही नहीं होगा पर लाउड स्पीकर अगर भड़काने वाला हो तो इसपर जरूर कारवाई करना चाहिए. लाउड स्पीकर से कई बार छोटी-छोटी सभाएं भी की जाती हैं, जिससे इसका दुरुपयोग होता है तो मैं इन बातों से सहमत नही हूं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए न की इसे धार्मिक मुद्दा बनाकर लोगों को परेशान करना चाहिए.
कमलनाथ ने कहा पूरा प्रदेश कोयला और बिजली संकट से जूझ रहा है. व्यापारी, किसान ,छात्र सब पीड़ित हैं. पिछले 2 साल में जो सरकार ने भ्रष्टाचार किया उसकी जड़ है की बिना पैसे के कोयले का कोई सौदा नहीं हो सकता है. यह चिंता का विषय है लेकिन सरकार और बीजेपी इसे मजाक में ले रही है. यह स्थिति अभी नहीं बनी दो-तीन महीने से परिस्थिति खराब थी कोई बाढ़ नहीं आई, कोई भूकंप नहीं आया तो क्यों संकट आ गया कोयला का बिजली को लेकर मौजूदा सरकार के पास कोई प्लानिंग नहीं है.
कमलनाथ ने कहा पूरा प्रदेश कोयला और बिजली संकट से जूझ रहा है. व्यापारी, किसान ,छात्र सब पीड़ित हैं. पिछले 2 साल में जो सरकार ने भ्रष्टाचार किया उसकी जड़ है की बिना पैसे के कोयले का कोई सौदा नहीं हो सकता है. यह चिंता का विषय है लेकिन सरकार और बीजेपी इसे मजाक में ले रही है. यह स्थिति अभी नहीं बनी दो-तीन महीने से परिस्थिति खराब थी कोई बाढ़ नहीं आई, कोई भूकंप नहीं आया तो क्यों संकट आ गया कोयला का बिजली को लेकर मौजूदा सरकार के पास कोई प्लानिंग नहीं है.
कांग्रेस को हर नेता से मजबूती मिलेगी
डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर कमलनाथ ने कहा मैंने तो 2 महीने से इस्तीफा दे रखा था. मेरे पास विधानसभा के लिए समय नहीं है चुनाव नजदीक आ रहे हैं. इसलिए मैंने इस्तीफे पर भी लिखा कि यह जिम्मेदारी अब मैं झेल नहीं सकता. कमलनाथ ने कहा 2023 के लिए हम पूरी तरह तैयारी कर हैं. कांग्रेस को हर नेता से मजबूती मिलेगी.
बिजली संकट छोटे उद्योगों को ख़त्म कर देगा
दरअसल इससे पहले कांग्रेस के और कई बड़े नेता बिजली संकट और लाउड स्पीकर विवाद को लेकर सरकार को घेर चुके हैं. बिजली संकट पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘फ़िर कह रहा हूं यह संकट छोटे उद्योगों को ख़त्म कर देगा, जिससे बेरोज़गारी और बढ़ेगी. छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की ज़िंदगी दांव पर है. रेल, मेट्रो सेवा ठप होने से आर्थिक नुकसान होगा.’’