इंदौर: मध्य प्रदेश की सत्ता से डेढ़ दशक लंबा वनवास खत्म करने के लिये कांग्रेस "घर वापसी" अभियान शुरू करने की तैयारी में जुटी है. बता दें कि राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस से नाता तोड़ कर बीजेपी या अन्य दलों का दामन थामने वाले नेताओं को इस अभियान के तहत दोबारा कांग्रेस में शामिल किया जाएगा.


कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को दोबारा पार्टी में लाने के बारे में खाका तैयार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि "हम अपने पूर्व नेताओं की घर वापसी कराएंगे लेकिन मैं अभी इस बारे विस्तार से नहीं बता सकता, क्योंकि फिलहाल हमने इस अभियान की नीति तय नहीं की है. घर वापसी अभियान के बारे में कांग्रेस की कोर कमेटी से चर्चा कर फैसला किया जाएगा और सही समय पर इसकी घोषणा की जाएगी."


बाबरिया ने कहा, अभी मैं बस एक बात कह सकता हूं कि कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को बगैर किसी शर्त के पार्टी में दोबारा शामिल किया जाएगा. दिसंबर 2003 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने पाला बदलकर सत्तारूढ़ दल का दामन थामा है. इनमें चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, डॉ. भागीरथ प्रसाद, राव उदयप्रताप सिंह के नाम प्रमुख हैं जिन्होंने नाजुक सियासी मौकों पर अचानक बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस को करारा झटका दिया.