MP Election 2023: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान बुधवार (15 नवंबर) को खत्म हो गया. एक तरफ बीजेपी दावा कर रही है कि उसकी फिर से सरकार बनेगी. वहीं कांग्रेस कह रही है कि इन्होंने हमारी सरकार गिराकर धोखे से सत्ता में वापसी की थी. ऐसे में जनता उनके साथ है. 


बीजेपी के प्रचार की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेताओं ने संभाली. दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ ने दम भरा ऐसे में जनता का किसका साथ होगी ये तो  3 दिसंबर को परिणाम आने पर ही पता लगेगा, लेकिन राज्य में शुक्रवार (17 नवंबर) विधानसभा चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग से पहले आईए सब कुछ जान लेते हैं. 


बीजेपी के किन नेताओं ने कितनी रैली की?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में 7 दिन के दौरान 15 जिलों में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने 14 रैली और 1 रोड शो किया. वही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिन में 13 जिलों में बीजेपी के लिए प्रचार किया. उन्होंने 17 रैली, 2 दो रोड शोर और 2 मंदिर में दर्शन किए. साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी 4 दिन में 13 जिलों में प्रचार किया. उन्होंने भी 14 रैली और 2 रोड शो किए. 


राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कितनी रैली की?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पांच दिन में 10 जिलों में प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने 10 रैली और 2 रोड शो किए. वहीं प्रियंका गांधी ने भी 6 दिन में 9 जिलों में प्रचार कर कांग्रेस के लिए वोट मांगा. उन्होंने इन 6 दिन में दस रैली और एक रोड शो किया. 


किस सीटों पर रहेगी नजरें?
बीजेपी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सीहोर जिले की बुधनी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. चौहान ने बुधनी से 1990 में पहली बार विधायक बने थे. यहां से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं. वो सबसे ज्यादा राज्य में चार बार सीएम बने हैं. 


दतिया सीट पर भी सबकी नजरें टिकी होगी. यहां से बीजेपी ने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर दांव लगाया है. मिश्रा 1990 में पहली बार विधायक बने थे. वो 2003 से बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हैं. साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर जिले की इंदौर 1 सीट से टिकट दिया गया है. विजयवर्गीय पांच बार विधायक और इंदौर के मेयर रह चुके हैं. 


इसके अलावा बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना जिले की दिमनी से उम्मीदवार बनाया है. तोमर मुरैना से ही लोकसभा सांसद हैं. वहीं पांच बार के लोकसभा सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल महाकौशल रीजन के नरसिंहपुर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 


कांग्रेस के वीवीआईपी उम्मीदवार 
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को कांग्रेस ने महाकौशल रीजन के छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में उतारा है. 9 बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं. इस सीट से कमलनाथ के बेटे बेटे नकुलनाथ सांसद हैं.  वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी ने गुना जिले की चाचौड़ा सीट से टिकट दिया है. लक्षमण सिंह तीन बार विधायक और पांच बार लोकसभा के सांसद रहे हैं. 


गुना जिले की राघोगढ़ सीट से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह पर दांव लगाया है. जयवर्धन सिंह दो बार विधायक के साथ मंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को सीधी जिले की चुरहट सीट से टिकट दिया गया है. अजय सिंह छह बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा एमपी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को इंदौर जिले की राऊ सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. 


कांग्रेस और बीजेपी का क्या मुद्दा रहा?
बीजेपी का अभियान ‘‘ एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी'' के नारे इर्द-गिर्द बुना गया था. वहीं कांग्रेस का चुनाव प्रचार जाति सर्वेक्षण और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण के वादे पर केंद्रित था, जो राज्य की आबादी का लगभग 48 प्रतिशत है. 


बीजेपी और कांग्रेस ने कितनी महिलाओं को टिकट दिया?
बीजेपी ने राज्य की 230 सीटों में 30 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने 27 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है. बता दें कि 230 सीटों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 35 सीटें आरक्षित है. वहीं अनूसूचित जनजाति (ST) के लिए 47 सीटें रिजर्व है. 


कितने वोटर?
मध्य प्रदेश में 5,60,60,925 वोटर में से  2,88,25,607 पुरुष, 2,72,33,945 महिलाएं और 1,373 तीसरे लिंग के व्यक्ति है. राज्य में एक चरण में मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक 2,049 मतदान केंद्रों पर चलेगा. 


साल 2018 में किसे कितनी सीटें मिली थी?
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस ने  114 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई, लेकिन ये पूरे पांच साल नहीं चल पाई. 


मार्च 2020 में में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार कांग्रेस विधायकों ने विद्रोह कर दिया. इस कारण सरकार गिर गई. 


वहीं बीजेपी 2018 में 109 सीटों के साथ दूसरे नबंर पर रही थी. वहीं बीएसपी ने 2 सीटें जीती थी. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 1 और निर्दलीय ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी.  वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं बीजेपी पर 41.02 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया था. इसके अलावा बीएसपी को 5.01, सपा को 1.30 और निर्दलीय को 5.82 परसेंट मत मिले थे. 


ये भी पढ़ें- MP Election 2023: प्रियंका गांधी को अमिताभ बच्चन-सलमान खान की आई याद, फिल्मों का जिक्र कर सीएम पीएम मोदी-शिवराज सिंह पर कसा तंज