MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बढ़े वोटिंग प्रतिशत को लेकर दोनों पार्टियां खुश है. सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दाव कर रही है, लेकिन जानकार क्या सोचते हैं? आईए इन आंकड़ों से समझते हैं. 


मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुई वोटिंग में 77.12 फीसदी लोगों ने मतदान किया, जबकि पिछली बार यानी 2018 में 75.3 प्रतिशत लोगों ने वोट किया था. दिलचस्प ये है कि वोट प्रतिशत बढ़ने में महिला वोटरों का हिस्सा भी बढ़ा है.


बीजेपी और कांग्रेस क्या कह रही है?
पिछले चुनाव में करीब 1 करोड़ 78 लाख लाख महिलाओं ने वोट किया था जो इस बार बढकर एक करोड 92 लाख पहुंच गया. इसको लेकर बीजेपी प्रवक्ता पकंज चतुर्वेदी ने कहा कि ये वोट लाडली बहना योजना के पक्ष में है. 


बीजेपी संगठन का दावा है कि लाडली बहना योजना गेम चेंजर होगी. हर विधानसभा में महिलाओं के दो से तीन हजार वोट बढ़कर बीजेपी को मिले हैं. प्रदेश में फंसी हुई सीटों पर महिला वोटर के दो हजार वोट भी मायने रखते हैं. ऐसे में अधिकतर कांटे की सीट का रिजल्ट बीजेपी के पक्ष में होगा और वो सरकार बनाने के करीब होगी. 


वहीं कांग्रेस  प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा कि मध्य प्रदेश में इस बार चौतीस जिले ऐसे हैं, जहां पर कि वोट करने वाली महिलाएं पुरूपों से अधिक है, लेकिन इस आंकड़ों को इस तरह देखे कि प्रदेश में महिला वोटरों की संख्या 31 लाख बढ़ी थी और 15 लाख ने ही वोट डाले.  यानी संख्या के अनुपात में मतदान का प्रतिशत घटा. 


शिवराज सरकार ने चुनाव के पहले लाडली बहना योजना शुरू की थी. इसमें हर महिला के खाते में एक हजार रुपये से शुरू होकर 1250 रुपये आने लगे. लाभ पाने वाली महिलाओं की संख्या एक करोड 32 लाख रही. सरकार का बडा बजट इसकी ब्रांडिंग और प्रचार में खर्च हुआ. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निजी चर्चाओं में दावा करते हैं कि महिला वोटर उनकी सरकार पांचवी बार मध्य प्रदेश में सरकार बनाएगी, लेकिन जानकार इस बात पर बंट हुए हैं. 


राजनीतिक विश्लेषक क्या कह रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा कि  कोई एक योजना सरकार बनाती और बिगड़ाती नहीं है. महिला वोटर तो ओवरऑल कम हुए हैं.  वहीं राजनीतिक विश्लेषक के एस शाइनी ने कहा कि  महिला वोटर इस योजना से निश्चित ही सरकार की ओर आई है और उनका वोटिंग प्रतिशत बढना इस योजना का असर है. 


 दोनों पार्टियों के दावे अपन-अपनी जगह है, लेकिन सच्चाई तीन दिसंबर को ही पता चलेगी. 


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